मनमान या अत्यधिक कर वसूलना सरकार द्वारा अन्याय है : मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे

न्यूज़ डेस्क : मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कर विवादों को शीघ्रता से निपटाने पर बल देते हुए कहा, जिस प्रकार कर चोरी समाज के साथ अन्याय है, वैसे ही मनमान या अत्यधिक कर वसूलना भी सरकार द्वारा अन्याय है। उन्होंने प्राचीन भारतीय व्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा, कर उस मधुमक्खी की तरह वसूलना चाहिए, जो फूलों को बिना नुकसान पहुंचाए परागकण चूसती है।

 

आयकर अपीलीय ट्रिब्यूनल के 79वें स्थापना दिवस समारोह में चीफ जस्टिस (सीजेआई) बोबडे ने कर मामलों के लंबित रहने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, कर विवाद का जल्द निपटारा करदाताओं के लिए प्रोत्साहन का काम करेगा। साथ ही, मुकदमेबाजी में फंसा धन भी मुक्त होगा। कर न्यायपालिका देश के लिए संसाधन जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।

उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और कस्टम एक्साइज एंड सर्विस टैक्स अपीलीय ट्रिब्यूनल में अप्रत्यक्ष करों के मामले पिछले दो सालों में 61 फीसदी घटकर 1.05 लाख रह गए हैं। उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को बढ़ावा देने पर जोर दिया, लेकिन चेताया कि फैसला देने में मानव विवेक की जगह इसका इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।

 

कर अपीलीय ट्रिब्यूनल की सराहना : चीफ जस्टिस ने कर अपीलीय ट्रिब्यूनल की तारीफ करते हुए कहा, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने भारतीय आयकर अपीलीय ट्रिब्यूनल को सफल केस स्टडी के तौर पर चुना है और इसे एक रोल मॉडल के तौर पर दुनिया के सामने पेश किया है।

 

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