अपोलो म्युनिक ने Winsure पेश किया, अपनी तरह का पहला हेल्थ वाल्लेट प्लान

अपोलो म्युनिक ने Winsure पेश किया: अपनी तरह का पहला हेल्थ वाल्लेट प्लान स्वास्थ्य बीमा के क्षेत्र में एक नई श्रेणी l

इंदौर: अपने ग्राहकों को आकर्षित करने की अनूठी पेशकश के रूप में अपोलो म्युनिक हेल्थ इंश्योरेंस एएमएचआई ने अपने क्रांतिकारी विन-विन हेल्थ इंश्योरेंस प्लान, हेल्थ वाल्लेट के साथ आज एक नई श्रेणी  winsure पेश की। अपनी तरह की यह अकेली पॉलिसी स्वास्थ्य बीमा श्रेणी को पुनर्पारिभाषित करने के लिए तैयार है। इसके लिए यह कई महत्त्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करती है जैसे निवेश का बेहतर और आसान लाभ। हेल्थ वाल्लेट ना सिर्फ ग्राहकों की मौजूदा आवश्यकताओं की पूर्ति करता है और अस्पताल में रहने या ओपीडी के उनके खर्चों का भुगतान करता है जो अमूमन स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के तहत कवर नहीं होता बल्कि इन पॉलिसियों को वर्षों जारी रखने की किफायत भी देता है।

विघटनकारी और अभिनव हेल्थ वाल्लेट प्लान एक अनूठे ‘रिजर्व’ लाभ के साथ मिलता है। अपने नाम के अनुकूल यह खासियत ग्राहकों के लिए एक रिजर्व किट्टी बनाती है जिसका उपयोग भिन्न किस्म के आउट ऑफ पॉकेट खर्चों के लिए किया जा सकता है। इनमें स्पीच थेरापी, दवाइयां खरीदना, टीकाकरण, दांतों के खर्चे, रोग निदान के लिए आवश्यक जांच, चश्मे, कांटैक्ट लेंस, चिकित्सा उपकरण जैसे ब्लड प्रेशर और शुगर नापने की मशीन, ऑक्सीमीटर, प्रोसथेटिक्स, मेडिकल प्रैक्टिस करने वाले से कंसलटेशन, फिजियोथेरापिस्ट, डायटिशियन आदि शामिल हैं। पॉलिसी होल्डर्स चाहें तो इससे ‘नॉन पेएबल आयटम’ के लिए भुगतान करने के लचीलेपन का भी लाभ उठा सकते हैं जबकि आमतौर पर ये स्वास्थ्य बीमा में शामिल ही नहीं किए जाते हैं।

एक अनूठी पेशकश के रूप में यह अन्य चिकित्सा खर्चों का भुगतान कर सकता है जो किसी अन्य मेडिकल बीमा में कवर नहीं होते हैं जैसे कॉस्मेटिक उपचार, अलजाइमर आदि। यही नहीं, ग्राहक इस रिजर्व राशि का उपयोग को-पेमेंट और कटौती योग्य खर्चों का भुगतान करने के लिए भी कर सकता है।

रिजर्व बेनिफिट का सबसे दिलचस्प हिस्सा यह है कि इससे आपका पैसा आपके लिए कमाता है। हरसाल अनुपयुक्त रिजर्व राशि आगे बढ़ा दी जाती है और इस पर 6 प्रतिशत बोनस मिलता है। इस तरह एकत्र होने वाली रिजर्व राशि का उपयोग लगातार पांच बार नवीकरण के बाद नवीकरण के प्रीमियम का 50 प्रतिशत तक देने के लिए किया जा सकता है। इसमें कोई विवाद नहीं है कि यह स्वास्थ्य बीमा उद्योग में एक नई उपलब्धि है जो बचत और लाभ की भारतीय मनःस्थिति के अनुकूल है और ग्राहक बाद के वर्षों में इससे अपने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम अदा कर सकते हैं।

इस घोषणा के बारे में अपने विचार रखते हुए श्री सूरज मिश्रा, सीईओ – दक्षिण और मध्य क्षेत्र, अपोलो म्युनिक हेल्थ इंश्योरेंस ने कहा, “बदलती जीवन शैली के साथ भारत के लोगों की हेल्थ केयर आवश्यकताएं भी तेजी से बदल रही हैं और इसके साथ हमारा मानना है कि स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र के लिए खुदको पुनर्पारिभाषित करना आवश्यक है ताकि ग्राहकों की उभरती आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके। हेल्थकेयर फाइनेंसिंग के संदर्भ में इस समय तीन प्रमुख जानकारियां उपलब्ध हैं और संभवतः यही स्वास्थ्य बीमा की पहुंच कम होने का कारण है। पहला- आउट ऑफ पॉकेट खर्चों में भारत का स्थान 189 देशों में 183 है। इसका मतलब हुआ 60 प्रतिशत से ज्यादा हेल्थ केयर के खर्चे जेब से दिए जाते हैं। दूसरा- भारतीय ग्राहक संभवतः सबसे न्यायपूर्ण हैं क्योंकि वे हमेशा रुपए के उचित मूल्य की तलाश में रहते हैं और यह उनके दिमाग में दर्ज है कि पैसे बचाने हैं और भविष्य के लिए योजना बनाना है। तीसरा रिटायरमेंट के बाद लोग हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम देने के लिए परेशान रहते हैं। ग्राहकों के लिए लगातार चिन्ता वाले इन मुद्दों ने हमें नए सिरे से उद्योग की खोज करने के लिए प्रेरित किया। आज हमें अपने क्षेत्र में इस परिवर्तन का नेतृत्व करने वालों में अग्रणी होते हुए गर्व महसूस हो रहा है। क्रांतिकारी उत्पाद भ्मंसजी ॅंससमज के साथ हम एक नई श्रेणीए ॅप्छैन्त्म् पेशकर रहे हैं जो उपरोक्त सभी चिन्ताओं को दूर सकता है।“

“अगली पीढ़ी का उत्पाद हेल्थ वाल्लेट इस तरह से डिजाइन किया गया है कि स्वास्थ्य बीमाखरी दने के दौरान लोगों को जो उलझनें रहती हैं उनमें से कई को दूर किया जा सके। और यह हेल्थ केयर फाइनेंसिंग की उनकी संपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। हेल्थ वॉलेट सबके लिए लाभप्रद सौदे की मूल भावना के तहत एक नए दौर की शुरुआत करेगा। अगर ओपीडी से लेकर अस्पताल में दाखिल होने और इमरजेंसी तक हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताएं एक अकेले प्लान से पूरी हो जाएं तो निश्चित रूप से यह परमजीत है। यही नहीं, इससे आपका पैसा आपके लिए कमाता भी है। इसके साथ, हम दृढ़ता से मानते हैं कि हम समाज में बड़े पैमाने पर बदलाव लाएंगे और यह हमारी खास पेशकशों से होगा तथा हम अपनी कोशिशें जारी रखेंगे ताकि भारत को स्वास्थ्य के मामले में आत्मविश्वास से पूर्ण राष्ट्र बनाया जा सके।“
इसके अलावा, आयोजन के दौरान अपोलो म्युनिक ने एलान किया कि बॉलीवुड सेलीब्रिटी फरहान अखतर कंपनी के ब्रांड एम बैस्डर हैं। वो एक जाने-माने बहु आयामी व्यक्तित्व वाली हस्ती हैं जो जीवन के भिन्न क्षेत्रों में कामयाब रहे हैं और अभिनेता, लेखक, निर्देशक, संगीत लेखक से लेकर अच्छे पिता और फिटनेस उत्साही रहे हैं।

इस मौके पर अपने विचार साझा करते हुए फरहान अख्तर ने कहा, “मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि हेल्थ केयर कोई विशेषाधिकार नहीं बल्कि एक अधिकार है। एक ऐसे देश में जहां एक तरफ तो हेल्थ केयर बेहद परिष्कृत होती जा रही है और दुनियाभर के लोग इलाज के लिए भारत आते हैं। दूसरी ओर, ज्यादातर भारतीय इन सेवाओं का लाभ नहीं ले सकते हैं। मुझे यह जानकर दुख होता है कि भारत में अपने प्रिय लोगों की स्वास्थ्य की आवश्यकताओं का ख्याल रखते हुए सात करोड़ से ज्यादा परिवार हर साल गरीबी रेखा से नीचे चले जाते हैं। स्वास्थ्य से संबंधित किसी अनजानी घटना से परिवार की जो हालत हो सकती है उसके मद्देनजर, मेरा मानना है कि स्वास्थ्य बीमा हम सब लोगों के लिए एक आवश्यकता है क्योंकि यह ना सिर्फ उच्चगुणवत्ता वाले हेल्थ केयर तक पहुंच संभव करता है बल्कि परिवार के सपने की रक्षा करता है। स्वास्थ्य बीमा और खासकर अपोलो म्युनिक की अवधारणा से जुड़े होने पर मुझे गर्व की अनुभूति होती है क्योंकि यह भारत को स्वास्थ्य के मामले में आत्मविश्वास से पूर्ण बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।” 
जो लोग हेल्थ केयर खर्चों के शुरुआती कुछ लाख अपनी जेब से दे सकते हैं उनके मामले में भ्मंसजी ॅंससमज एक कटौती योग्य विकल्प बन जाता है। इसका चुनाव करके ग्राहक यह तय करता है कि स्वास्थ्य से संबंधित आपात स्थिति में कितना खर्च वह खुद उठा पाएगा।

उत्पाद की प्रमुख खासियतों में शामिल हैं
ऽ रिजर्व बेनीफिटदृयह एक अनूठा लाभ है जो लगातार बढ़ता रहता है और आपके लिए कमाई करता है और आपको अपना रिटायरमेंट सुरक्षित करने में  सहायता करता है। रिजर्व बेनीफिट को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह सुनिश्चित होता है कि आपके पैसे बर्बाद न हों। यह नहीं, पॉलिसी अवधि के दौरान बाकी बची राशि अगले महीनों में खर्च की जा सकती है। अलगे साल के लिए ले जाई गई राशि पर नवीकरण के समय 6 प्रतिशत ब्याज मिलता है। और अच्छी खबर यह है कि लगातार पांच बार नवीकरण कराने के बाद अपने नवीकरण प्रीमियम का 50ः तक आप इस रिजर्व बेनीफिट से दे सकते हैं।ऽ रेसटोर बेनी फिट- इस खासियत से दावा किए जाने पर बीमितराशि अपने आप बहाल हो जाती है।ऽ मल्टी प्लायर बेनिफिट- अगर आपका कोई दावा मुक्त वर्ष रहा होतो आपकी बुनियादी बीमित राशि नो क्लेम बोनस के रूप में 50ः बढ़ जाएगी। अगर आप दूसरे वर्ष भी दावा न करें तो आपकी बुनियादी राशि नो क्लेम बोनस के रूप में दूनी हो जाएगी।

ऽ इन-पेशेंट उपचार- अगर बीमित व्यक्ति उपचार के लिए 24 घंटे से ज्यादा अस्पताल में रहा हो तो इस पॉलिसी के मेडिकल उपचार का खर्च अदाकर दिया जाएगा।ऽ अस्पताल में दाखिल होने से पहले होने वाले खर्च को प्री-हॉस्पिटलाइजेशन कहा जाता है। यह अस्पताल में दाखिल होने से पहले 60 दिन तक के लिए हो सकता है।ऽ अस्पताल में दाखिल होने के बाद- अस्पताल से दाखिल होने के बाद होने वाले खर्चों को इस श्रेणी में रखा जाता है। यह 90 दिनों तक का खर्च कवर करता है।

ऽ डे केयर प्रक्रियाएं-इसमें अस्पताल में दाखिल रहकर कराया जाने वाला इलाज शामिल है जो इमरजेंसी उपचार के लिए होता है। यह किसी बीमारीया जख्म के लिए हो सकता है जो भारत के बाहर हो और भारत वापस आने तक इलाज टाला नहीं जा सके। बशर्ते ऐसे उपचार आवश्यकहों और किसी मेडिकल प्रैक्टिसनर द्वारा आवश्यक प्रमाणित किए जाएं।
ऽ अंगदानकर्ता- अंगदान देने वाले के लिए सर्जिकलध्हारवेस्टिंग चार्जेज का भुगतान इस लाभ के जरिए किया जाता है। अंग की कीमत इसमें शामिल नहीं है।
ऽ आयुषउपचार- आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धया होम्योपैथी इलाज पर होने वाले खर्च जो इन पेशेंट के रूप में लिया गया हो और यह बीमित राशिका 100 प्रतिशत तक हो सकता है।
ऽ डोमिसिलियरी ट्रीटमेंट- घर  में उपचार को कवर किया जाता है बशर्ते अस्पताल में कोई बिस्तर उपलब्ध ना हो या मरीज को अस्पताल नहीं ले जाया जा सकता हो। यह आउट पेशेंट नहीं है।
ऽ रीकवरी बेनीफिट- इसके तहत 10,000 रुपए की एक मुश्तराशि का भुगतान किया जाता है। यह उन मामलों में होता है जब अस्पताल में रहने का आवश्यकता 10 दिन से ज्यादा होती है। यह लाभ प्रति पॉलिसी प्रतिवर्ष हरेक बीमारी में एक ही बार दिया या लिया जा सकता है। अगर ऑप्शनल डीडक्टेबल का चुनाव किया गया हो तो यह लाभ लागू नहीं होता है।
ऽ एम्बुलेंस कवर बेनीफिट- किसी बीमित व्यक्ति को आपातस्थिति में इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाने में होने वाला खर्च ब शर्ते यह 2000 रुपए प्रत्येक बार से ज्यादा न हो।
ऽ विश्वव्यापी इमरजेंसी केयर- इसमें उस बीमारीया स्थिति के इलाज का खर्च कवर होता है जो पहली बार पॉलिसी अवधि के दौरान तब उभरा जब बीमित व्यक्ति विदेश यात्रा पर था। यह राशि अधिकतम 20 लाख रुपए हो सकती है बशर्ते मरीज को अस्पताल में दाखिल किया जाएया डे केयर प्रक्रिया के तहत इलाज आवश्यक हो।

 

 

 

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