भेदिया कारोबार की जानकारी देने वाले को अब मिलेगा 10 करोड़ रुपये इनाम : सेबी

न्यूज़ डेस्क : भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शेयर बाजार में बढ़ती भेदिया कारोबार की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए इसका खुलासा करने वालों को बड़े इनाम की घोषणा की है। बाजार नियामक ने मंगलवार को कहा कि भेदिया कारोबार की जानकारी देने वाले को अब 10 करोड़ रुपये इनाम दिया जाएगा। 

 

 

 

सेबी ने बोर्ड बैठक में फैसले के बाद बताया कि बाजार नियमों के विरुद्ध काम करने वाले भेदिया कारोबारियों पर रोक लगाने और छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए इनाम की राशि 10 गुना बढ़ाने की मंजूरी मिल गई है। इसके भुगतान की प्रक्रिया को भी सरल बनाया जाएगा, जिसके लिए बोर्ड के नियमों में बदलाव करेंगे। 

 

 

 

नए नियमों के तहत, अगर जानकारी देने वाले की इनाम की राशि 1 करोड़ या इससे कम है, तो अंतिम फैसला आने के बाद सेबी की ओर से इसका भुगतान किया जाएगा। हालांकि, यह राशि 1 करोड़ रुपये से ज्यादा होने पर अंतिम फैसले के तत्काल बाद 1 करोड़ का भुगतान हो जाएगा और शेष राशि बोर्ड की ओर से पैसे जारी होने के बाद मिलेगी।

 

 

शेयरधारकों की अनुमति से होगी स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति

सेबी ने सूचीबद्ध कंपनियों में स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति और इस्तीफे के नियमों में भी बड़ा बदलाव किया है। बाजार नियामक ने बताया कि नए स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति, पुनर्नियुक्ति और उन्हें हटाने की प्रक्रिया शेयरधारकों की अनुमति से ही पूरी होगी। अगर किसी स्वतंत्र निदेशक को उसकी कंपनी, होल्डिंग, सब्सिडियरी या सहायक कंपनी में पूर्णकालिक निदेशक बनाना है, तो एक साल का कूलिंग पीरियड रखना होगा।

 

 

 

इस पद के लिए चुने जाने वाले व्यक्ति का पारदर्शी तरीके से मूल्यांकन करना जरूरी होगा। इसमें आवेदक की पद के अनुकूल क्षमताओं का स्पष्ट उल्लेख जरूरी है। स्वतंत्र निदेशकों के साथ ही कंपनी के सभी निदेशकों की नियुक्ति शेयरधारकों की अनुमति से ही होगी।

 

अगर प्रबंधन में शामिल किसी व्यक्ति या उसके रिश्तेदार को स्वतंत्र निदेशक बनाया जाना है, तो तीन साल का कूलिंग पीरियड रखना होगा। अगर स्वतंत्र निदेशक इस्तीफा देता है, तो पहले ही इसकी पूरी जानकारी कंपनी की बोर्ड समिति के पास भेजी जाएगी। ये बदलाव 1 जनवरी, 2022 से लागू होंगे।

 

 

 

एएमसी को न्यूनतम निवेश की मंजूरी

संपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) को अब नए फंड के रूप में जुटाई राशि में से न्यूनतम निवेश की मंजूरी मिल गई है। सेबी ने कहा कि एएमसी से जुड़ी योजनाओं में जोखिम के आधार पर न्यूनतम राशि के निवेश की छूट रहेगी। अभी न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) के तहत जुटाई राशि का एक फीसदी या 50 लाख रुपये (जो भी कम हो) निवेश करना जरूरी होता है।

 

 

 

ये बदलाव भी होंगे

लघु वित्तीय बैंक व भुगतान बैंक भी आईपीओ में बैंकर के रूप में पंजीकृत हो सकेंगे।

डेट प्रतिभूति और नॉन कनवर्टिबल डिबेंचर्स के नियमों का विलय कर एकसमान बना दिया है।

मान्यता प्राप्त निवेशकों के लिए अलग ढांचा विकसित किया जाएगा। 

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