न्यूज़ डेस्क : सीबीआई ने मंगलवार को 3635 करोड़ रुपये के कर्ज धोखाधड़ी मामले में शहर के हीरा कारोबारी उदय देसाई और उनके बेटे सुजॉय देसाई के देश भर में 13 ठिकानों पर छापे मारे। ये छापे कानपुर, दिल्ली और मुंबई में मारे गए। कानपुर पहुंची टीम ने इनके घर और ऑफिस समेत चार ठिकानों को खंगाला। इस दौरान बड़ी संख्या में कारोबारी दस्तावेज जब्त किए गए। कई घंटे तक पारिवारिक सदस्यों और कर्मचारियों से पूछताछ हुई। देर शाम टीम ने बैंक ऑफ इंडिया से भी लोन संबंधी दस्तावेज जुटाए।
विकास नगर निवासी उदय देसाई शहर के 14 बैंकों के 3635 करोड़ रुपये के कर्जदार हैं। सभी लोन खाते एनपीए होने के बाद और वसूली में नाकाम रहने पर बैंक ऑफ इंडिया ने ही देसाई के खिलाफ बैंकिंग फ्रॉड का केस सीबीआई में दर्ज कराया है।
दिल्ली से आए सीबीआई की बैंक सिक्योरिटी फ्रॉड विंग के 10 से ज्यादा अधिकारियों ने मंगलवार सुबह करीब नौ बजे बिरहाना रोड में कल्पना प्लाजा स्थित उदय देसाई की कंपनियों मैसर्स फ्रास्ट इंटरनेशनल लिमिटेड, फ्रास्ट इंफ्रास्ट्रक्चर व एनर्जी लिमिटेड के ऑफिसों में धावा बोला। कर्मचारियों ने जैसे ही ऑफिस खोला, सीबीआई ने उन्हें अपने कब्जे में ले लिया। दो घंटे तक जांच के बाद करीब 11 बजे दो टीमें विकास नगर स्थित घर व लक्ष्मण बाग में एमरॉल्ड टॉवर स्थित एक फ्लैट भी पहुंचीं। घर में उदय देसाई नहीं मिले। पारिवारिक सदस्यों से पूछताछ की गई।
यहां से बड़ी संख्या में दस्तावेज अपने कब्जे में लिए। इसके बाद सीबीआई का देसाई के ऑफिसों, बैंक और फ्लैट पर आना जाना बना रहा। सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि जांच में जरूरी दस्तावेजों को जुटाने के लिए बैंक सिक्योरिटी फ्रॉड विंग की टीम यहां आई है।
11 अन्य को भी बनाया आरोपी
जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने इस मामले में फ्रॉस्ट इंटरनेशनल और इसके निदेशकों के अलावा 11 अन्य इकाइयों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इनमें कानपुर की आरके बिल्डर्स, ग्लोबल एग्जिम प्राइवेट लिमिटेड और निर्माण प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। दरअसल, ये कंपनियां फ्रॉस्ट इंटरनेशनल की कॉरपोरेट गारंटर हैं।
आठ साल में हासिल किए 3000 करोड़
उदय देसाई की कंपनियों मैसर्स फ्रास्ट इंटरनेशनल लिमिटेड, फ्रास्ट इंफ्रास्ट्रक्चर व एनर्जी लिमिटेड समेत कई कंपनियों ने वर्ष 2002 से 2010 के बीच तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक का लोन लिया। वर्षों तक लोन की किस्तें ठीक चलने और लगातार लिमिट बढ़ने के बाद वर्ष 2018 में इनके खाते एनपीए होने लगे। वर्तमान में 14 बैंकों में इतने ही खाते एनपीए हो चुके हैं। लगातार डिमांड नोटिस जारी करने के बाद भी इनकी कंपनियों से लोन की रकम वापस नहीं हुई तो बैंकों ने सख्ती शुरू की। तमाम बैंकों ने मुंबई, कानपुर और गुड़गांव स्थित संपत्तियों को कब्जे में ले लिया। कई संपत्तियां जब्त होने की स्थिति में हैं और कई नीलामी प्रक्रिया में चल रही हैं।
हीरा, मिनरल्स, प्लास्टिक, केमिकल का काम
विकास नगर निवासी उदय देसाई ने मैसर्स फ्रास्ट इंटरनेशनल लिमिटेड की शुरुआत 1995 में की थी। ये कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। फ्रास्ट इंटरनेशनल हीरा कारोबार के अलावा मिनरल्स, प्लास्टिक, केमिकल आदि की खरीद-बिक्री भी करती है। इसके अलावा रियल एस्टेट कंपनियों में भी पैसा लगा है।
कोठारी के बाद दूसरा बड़ा मामला
रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी के बाद शहर के दिग्गज हीरा कारोबारी उदय देसाई की कंपनी के खातों का एनपीए होना दूसरा बड़ा मामला है। इससे पहले विक्रम कोठारी के सात बैंकों के 3695 करोड़ रुपये के लोन खाते एनपीए हो गए थे। बाद में सीबीआई ने इन्हें गिरफ्तार भी किया था। कोठारी अभी जमानत पर हैं। उदय देसाई के 3635 करोड़ के लोन खाते एनपीए हुए हैं।
ये संपत्तियां कब्जे में
- यूनियन बैंक ने एक अगस्त 2019 को फ्रॉस्ट इंटरनेशनल कंपनी के मुंबई स्थित ऑफिस और पार्किंग समेत 516 वर्ग मीटर एरिया को कब्जे में ले लिया। कंपनी की पूर्वी मुंबई में लोटस कारपोरेट पार्क स्थित ग्राहम फिर्थ स्टील कंपाउंड के 11वें तल पर ऑफिस संख्या 1101 व 1102 समेत बेसमेंट में इस खंड के हिस्से आईऱ्ं तीन कार पार्किंग, इसी कंपाउंड के पांचवें तल पर ऑफिस संख्या 502 व तीन पार्किंग को कब्जे में ले लिया है।
- बैंक ऑफ इंडिया ने मुंबई में बांद्रा-कुरले कॉम्प्लेक्स स्थित सी विंग बिल्डिंग-1 के सातवें खंड समेत (यूनिट संख्या 709) बेसमेंट में इस खंड के हिस्से आईं पांच कार पार्किंगों को कब्जे में ले लिया है। बैंक की ओर से यह पूरा एरिया 7057 वर्ग फीट बताया गया है।
- -इंडियन ओवरसीज बैंक ने पूर्वी दिल्ली में 500 वर्ग गज और तमिलनाडु स्थित करीब 12 एकड़ बंधक संपत्तियों को कब्जे में ले लिया था।
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