नई दिल्ली । रामलीला मैदान एक बार फिर से बड़े आंदोलन का गवाह बनने जा रहा है। समाजसेवी अन्ना हजारे सशक्त लोकपाल, चुनाव सुधार और किसानों की मांगों को लेकर रामलीला मैदान पहुंचे हैं। उन्होंने शुक्रवार को भारत माता की जय, वंदे मातरम और इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाकर रामलीला मैदान से आंदोलन की हुंकार भरी और अनशन पर बैठ गए।
अन्ना तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं
आंदोलन के पहले दिन बड़ी संख्या में दूरदराज के हिस्सों से हजारों की संख्या में लोग पहुंचे, जिनमें पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों के किसान भी शामिल थे। मैदान में लगे लाउडस्पीकर से आती देशभक्ति गीतों की आवाज आंदोलनकारियों में जोश और उत्साह भर रही थी। हर ओर बस यही गूंज सुनाई दे रही थी कि अन्ना तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं।
राष्ट्रपिता की समाधि पर पुष्प किए अर्पण
आंदोलनकारी मैं हूं अन्ना और अन्ना समर्थक वाली टोपी पहनकर पहुंचे। आंदोलनकारी हाथों में तिरंगा लेकर भी आ रहे थे। अनशन पर बैठने से पहले अन्ना हजारे सुबह करीब दस बजे राजघाट पर राष्ट्रपिता की समाधि पर पुष्प अर्पण करने पहुंचे और कुछ देर वहां बैठे भी। उसके बाद बहादुरशाह जफर मार्ग स्थित शहीदी पार्क में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की प्रतिमा पर जाकर माल्यार्पण किया। इसके बाद रामलीला मैदान के लिए चल दिए।
किसानों की स्थिति दयनीय
वहीं, रामलीला मैदान में केसरिया, सफेद और हरे रंग की साड़ी पहनकर आंदोलन में शामिल होने के लिए उत्तर प्रदेश के उन्नाव से आईं शंकुतला ने कहा कि किसानों की इस देश में स्थिति दयनीय हो गई है। किसानों को बैंक से ऋण लेना पड़ रहा है। वे कम पैदावार वाली फसल होने की वजह से ऋण वापस नहीं कर पा रहे हैं, किसानों के ऋण को माफ किया जाना चाहिए।
किसान भी अनशन पर बैठेंगे
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तरह धोती पहने, हाथ में तिरंगा झंडा लेकर महाराष्ट्र के नागपुर से आए मनोहर आनंद ने कहा कि वे यहां पर लोकपाल की मांग के लिए पहुंचे हैं। आंदोलन के मीडिया प्रमुख जयकांत मिश्रा ने बताया कि अन्ना के साथ अनशन पर बैठने के लिए कई लोगों ने इच्छा जताई है। शनिवार से किसान भी अनशन पर बैठेंगे। अन्ना की तबीयत एकदम ठीक है। आंदोलनकारी ठहरने के लिए अपने साथ कंबल व दरी लेकर आए हैं, वे लंबे संघर्ष के लिए तैयार हैं।
अर्द्धसैनिक बल के जवान तैनात
बता दें कि रामलीला मैदान के चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी और अर्द्धसैनिक बल के जवान तैनात हैं। किसी को भी सघन तलाशी के बिना मैदान के अंदर जाने नहीं दिया जा रहा है। वहीं, आंदोलनकारियों के लिए मैदान में बल्लियों व टैंट के सहारे शौचालय बनाए गए हैं, इसको लेकर वे काफी नाराज हैं।
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