पितृ पर्वत पर आयोजित पितरेश्वर हनुमानजी के प्राणप्रतिष्ठा महोत्सव में श्री मद भागवत कथा का अमृत पाठ चल रहा है।
न्यूज़ डेस्क : आचार्य श्री राहुल कृष्ण जी शास्त्री ने कथा वाचन करते हुए कहा भगवान की शरण मे रहने पर हमारे दुखो के पहाड़ को भगवान उठा देते है और हमारे लिये रास्ता बना देते है।
देवराज इंद्र के क्रोध और घमंड को समाप्त करने के लिए भगवान श्री कृष्ण की लीला अद्भुत शैली में शास्त्री जी ने सुनाई। हममे और परमात्मा में उतना ही अंतर है जितना एक बुलबुले और जल में है, एक समुद्र और एक बून्द में है।भगवद चिंतन के प्रेरक विचार है कि एक मनुष्य में अपार क्षमता और बुद्धि होती है लेकिन मनुष्य अपने आपको सीमित कर लेता है। यदि आप इस सीमा को पार कर ले तो असीमित सफलता और आनंद की प्राप्ति हो सकती है।
भगवान का कहा गुरुदेव से समझ कर उसका पालन करना चाहिए। बुद्धिमान व्यक्ति को चाहिए कि भगवान का आचरण अपने सामर्थ्य के अनुरूप जीवन मे अनुकरण करे। राम नाम सभी नामो में श्रेष्ठ है।श्री राम का नाम एक बार भी लेने पर एक हज़ार बार नाम लेने के बराबर पूण्य मिलता है। श्री राम का नाम तारने वाला है।
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वाल्मिकी जी की कथा के माध्यम से आपने बताया की श्री राम नाम का बड़ा महत्व है।इसको उल्टा जपने वाले का भी उद्धार हो जाता है। पूजन प्रविधि के लिए एक महत्वपूर्ण तथ्य बताते हुए शास्त्री जी ने कहा कि पूजन हेतु सदैव अनामिका का प्रयोग किया जाना चाहिए और अंगूठे का प्रयोग आशीष देने हेतु प्रयोग करना चाहिए। कुब्जा के उद्धार और कंस के वध का आशय भी कथा से स्पष्ट हुआ।
कथा में गोपियों, ब्रजवासियों और प्राणियों का श्री कृष्ण के प्रति अनुराग को बहुत मार्मिक भाव से यहाँ व्यक्त किया गया। आयोजन में सवा लाख हनुमान चालीसा, सुंदर कांड का पाठ भी चल रहा है और संत महात्माओं के द्वारा अखंड राम नाम का जाप भी चल रहा है। इसी आयोजन में परम श्रधेय माँ कनकेश्वरी देवी के श्री मुख से शिव पुराण भी होना तय है।
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