न्यूज़ डेस्क : राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 20 अगस्त से प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में इंदिरा रसोई योजना शुरू करने के निर्देश दिए हैं। गहलोत ने कहा, राज्य सरकार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के महान व्यक्तित्व के नाम पर मानव सेवा की ऐसी योजना शुरू करने जा रही है, जिसमें गरीबों और जरूरतमंद लोगों को मात्र आठ रुपये में शुद्ध पौष्टिक भोजन मिलेगा।
गहलोत ने रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर बैठक में इस योजना की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस योजना पर प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपये खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि योजना को जनसेवा की भावना, पारदर्शिता और जनभागीदारी के साथ लागू किया जाए, ताकि यह पूरे देश में निर्धन वर्ग को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक मिसाल बने।
उन्होंने निर्देश दिए कि योजना के संचालन में सेवाभावी संस्थाओं और स्वयंसेवी संगठनों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे जल्द से जल्द ऐसी संस्थाओं का चयन करें। मुख्यमंत्री ने भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए राज्य और जिला स्तर पर समिति गठित करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जुड़े नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि राज्य सरकार प्रति थाली 12 रुपये अनुदान देगी। प्रदेश के सभी 213 नगर निकायों में 358 रसोई का संचालन किया जाएगा, जहां जरूरतमंद लोगों को सम्मान के साथ भोजन कराया जाएगा।
स्वायत्त शासन विभाग के शासन सचिव भवानी सिंह देथा ने बताया कि इस योजना के माध्यम से प्रति वर्ष चार करोड़ 87 लाख लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि भोजन में प्रति थाली 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती और अचार का मेन्यू निर्धारित किया गया है।
उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए इसकी रसोई में आवश्यक प्रावधान किए जाएंगे। योजना की आईटी आधारित निगरानी की जाएगी। लाभार्थी को कूपन लेते ही मोबाइल पर एसएमएस से सूचना मिल जाएगी। मोबाइल एप और सीसीटीवी से रसोई की निगरानी की जाएगी।
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