विवादों के बीच पतंजलि के एमडी ने बताई करोनिल की पूरी कहानी

न्यूज़ डेस्क : पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने मंगलवार को दावा किया कि उन्होंने कोरोना की आयुर्वेदिक दवा ‘कोरोनिल’ बनाई है। हरिद्वार में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बाबा रामदेव ने बताया कि इस दवा का ट्रायल कोरोना मरीजों पर किया गया है। इस दवा के ट्रायल में सामने आया कि 69 फीसदी कोरोना के मरीज 3 दिन में रिकवर हुए। वहीं, 7 दिन तक दवा देने पर 100 फीसदी रिकवरी रेट रहा। पतंजलि ने कोरोना से लड़ने के लिए तीन दवाओं की एक किट लॉन्च की, जिसमें अणु तेल, श्वासारि वटी और टेबलेट के रूप में कोरोनिल शामिल है।

 

 

हालांकि, आयुष मंत्रालय ने पतंजलि की ओर से पेश किए गए कोरोना की इस दवा पर रोक लगा दी है। आयुष मंत्रालय ने पतंजलि से दवा के नाम और उसमें इस्तेमाल होने वाले घटकों का विवरण पूछा है। इसके साथ जांच पूरी होने तक दवा का प्रमोशन और विज्ञापन ना करे। बता दें कि 30 दिन की दवाओं का डोज वाला यह कोरोना किट की कीमत 545 रुपए है। बाबा रामदेव के मुताबिक इस किट में शामिल सभी दवाएं इम्युनिटी बढ़ाने के साथ कोरोना के संक्रमण को भी खत्म करती हैं।

 

आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीट किया कि ट्रायल में नहीं हुई एक भी मौत : 

पतंजलि के द्वारा पेश किए गए इस दवा पर उठे सवालों का जवाब पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने मंगलवार रात को ट्वीट करके दिया। ट्वीट के माध्यम से आचार्य बालकृष्ण ने लिखा कि हमने ट्रायल के नियमों का 100 फीसदी पालन करते हुए जानकारी आयुष मंत्रालय को दी है। इस दवा के तैयार होने की पूरी कहानी आचार्य ने अपने ट्वीट में दी है। आचार्य बालकृष्ण ने लिखा कि आयुर्वेदिक दवा का ट्रायल किया गया। दवा देने के 3 से 15 दिन बाद कोरोना के रोगी की रिपोर्ट निगेटिव आई। ट्रायल में शामिल किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई।

 

 

आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, इस दवा को पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है। इसे तैयार करने में गिलोय घनवटी, दिव्य श्वासारि वटी, पतंजलि अश्वगंधा कैप्सूल और तुलसी घनवटी के साथ दिव्य अणु तेल का प्रयोग किया है। इन दवाओं में पाए जाने वाले फाइटोकेमिकल और जरूरी खनिज तत्व कोरोना का इलाज करने के साथ इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं।

 

आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, ये दवाएं कोरोना के संक्रमण की चेन को तोड़ती हैं। दवा बनाने में उपयोग में लाई गईं ये औषधियां इंसान के फेफड़े से लेकर रोगों से लड़ने की क्षमता यानी इम्युनिटी को बढ़ाती हैं। जब कोरोना मानव शरीर में पहुंचकर अपनी संख्या बढ़ाने लगता है, तो ये औषधियां उसे बाधित करती हैं। इसके साथ ये दवाएं कोरोना वायरस के कारण होने वाली दिक्कतों और लक्षणों, जैसे – सर्दी, जुकाम, बुखार, निमोनिया और सांस लेने में तकलीफ आदि पर तुरंत असर करती हैं।

 

रिसर्च को जर्नल में करेंगे प्रकाशित : आचार्य बालकृष्ण के ट्वीट के मुताबिक, इस दवा का ट्रायल दिल्ली, मेरठ और अहमदाबाद समेत देश के कई शहरों में किया गया है। इस दवा को राजस्थान की निम्स यूनिवर्सिटी और पतंजलि ने मिलकर प्रकाशित किया है। अब इस रिसर्च को जर्नल में प्रकाशित करने की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही पतंजलि की वेबसाइट पर भी बहुत जल्द ही इस रिसर्च की विस्तृत जानकारी मिलेगी।

 

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