अमेरिका : कोरोना वैक्सीन के इंसानों पर ट्रायल के सकारात्मक नतीजे सामने आए

न्यूज़ डेस्क : कोरोना वायरस के कारण दुनिया के करीब 200 देशों में फैली महामारी कोविड-19 को रोकने के लिए सभी को वैक्सीन का इंतजार है। इसके लिए कई देशों में शोध हो रहे हैं और कई जगह इसका जानवरों और इंसानों पर क्लिनिकल ट्रायल भी चल रहा है। इस बीच अमेरिका से उम्मीद भरी एक बड़ी खबर आई है, जहां कोरोना वैक्सीन के इंसानों पर ट्रायल के सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं।

 

 

बोस्टन शहर स्थित वैक्सीन बनाने वाली बायोटेक कंपनी मॉडर्ना के मुताबिक इंसानी शरीर पर वैक्सीन के पहले फेज का ट्रायल सफल हुआ है। जिन लोगों पर इसका ट्रायल किया गया, उनके शरीर की इम्यूनिटी बढ़ी है और इसके बहुत मामूली साइड इफेक्ट सामने आए हैं। 

 

मॉडर्ना ने शुरुआती चरण के ट्रायल के सकारात्मक परिणामों के बारे में बताया है कि mRNA-1273 नाम की यह वैक्सीन जिसे दी गई है, उसके शरीर पर मामूली साइडइफेक्ट हुआ, जबकि वैक्सीन का प्रभाव सुरक्षित पाया गया। कंपनी का दावा है कि वैक्सीन लगाए गए इंसान की इम्यूनिटी कोविड-19 से रिकवर हो चुके मरीजों के बराबर या उनसे ज्यादा ताकतवर पाई गई।

 

मालूम हो कि 16 मार्च को सिएटल की काइजर परमानेंट रिसर्च फैसिलिटी में यह वैक्सीन सबसे पहले दो बच्चों की मां 43 वर्षीय महिला जेनिफर को लगाया गया था। पहले फेज के इंसानी ट्रायल में 18 से 55 वर्ष की उम्र के 45 स्वस्थ प्रतिभागी शामिल किए गए थे, जिनमें से शुरुआत में आठ लोगों को यह वैक्सीन दी गई थी। 

 

अमेरिका में शीर्ष दवा नियामक फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने कंपनी को टीके के अगले चरण के ट्रायल के लिए अनुमति दे दी है। कंपनी का दावा है कि मॉर्डना पहली अमेरिकी कंपनी है, जिसने सबसे पहले वैक्सीन बनाने में इतनी बड़ी उम्मीद दिखाई है। 

 

कंपनी ने वैक्सीन के लिए जरूरी जेनेटिक कोड से लेकर इंसानों पर ट्रायल तक का सफर महज 42 दिनों में पूरा कर लिया। ऐसा पहली बार हुआ कि जानवरों से पहले इंसानों में ट्रायल शुरू किया गया था। 

 

मॉडर्ना कंपनी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी टाल जकस के मुताबिक, नतीजों से पता चला है कि वैक्सीन की थोड़ी मात्रा ने भी सामान्य संक्रमण से मुकाबले के लिए इम्यूनिटी बढ़ाने में बेहतर परिणाम दिया है। इन नतीजों के बाद मिले डेटा के आधार पर कंपनी अब आगे का ट्रायल करेगी। उन्होंने कहा कि इस mRNA-1273 वैक्सीन में कोविड -19 को रोकने की क्षमता है।

 

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