न्यूज़ डेस्क : अमेरिकी राजनयिक की ताइवान यात्रा से चीन भड़का हुआ है, जिसके चलते दोनों देशों के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ता दिखाई दे रहा है। चीन ने एक बार फिर ताइवान के वायुक्षेत्र में अपने 8 एच-6के परमाणु बॉम्बर्स को उड़ाया है, जिसके बाद ऐक्शन में आए ताइवान ने भी अपनी मिसाइलों का मुंह चीन के बॉम्बर्स की तरफ कर दिया। तनाव बढ़ता देख चीन ने जहाज तुरंत ही ताइवान की वायुसीमा के बाहर भाग गए। इसके बाद, अमेरिका ने शनिवार को चीन को ताइवान के खिलाफ सैन्य, राजनयिक और आर्थिक दबाव कम करने की चेतावनी दी है।
चीनी युद्धक विमानों के ताइवान के रक्षा क्षेत्र में घुसपैठ करने के कुछ घंटों बाद अमेरिका ने चीन के अपने पड़ोसियों को डराने के प्रयास पर चिंता व्यक्त की। साथ ही बाइडन प्रशासन ने चीन को चेतावनी दी कि ताइवान के खिलाफ अपने सैन्य, राजनयिक और आर्थिक दबाव को रोक दे। अमेरिकी विदेश विभाग ने शनिवार को एक बयान में कहा कि वॉशिंगटन भारत-प्रशांत क्षेत्र में हमारी साझा समृद्धि, सुरक्षा और मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए दोस्तों और सहयोगियों के साथ खड़ा रहेगा।
ताइवान ने दिया मुंहतोड़ जवाब
ताइवानी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि शनिवार को आठ एच-6के चीनी बमवर्षक विमानों और चार लड़ाकू विमानों ने ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र के दक्षिण-पश्चिमी कोने में प्रवेश किया। इसके बाद ताइवान ने अपनी मिसाइलों को मॉनिटर करने के लिए तैनात किया। आठ परमाणु हमला करने में सक्षम एच-6के और चार जे-16 लड़ाकू विमानों की घुसपैठ को ताइवान ने भी असामान्य करारा जवाब दिया है। बता दें कि जो बाइडन के अमेरिकी राष्ट्रपति पद संभालने के कुछ दिन बाद ही चीन के ताइवानी क्षेत्र में घुसपैठ करने की घटना सामने आई है।
मंत्रालय ने कहा कि ताइवान की वायु सेना ने चीनी विमानों को चेतावनी दी है और उनकी निगरानी के लिए मिसाइलों को तैनात किया है। घुसपैठ की जानकारी मिलते ही एयरबोर्न अलर्ट के स्तर को भी बढ़ा दिया गया। रेडियो चेतावनियां जारी की गईं और हवाई रक्षा मिसाइल सिस्टम को इस गतिविधि पर नजर रखने के लिए तैनात किया गया। हालांकि, इस पर चीन की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई।
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