न्यूज़ डेस्क : जल निकायों के संरक्षण के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए जाने के मद्देनजर राष्ट्रीय हरित अधिकरण(एनजीटी) ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को एक नोडल एजेंसी नामित करने का निर्देश दिया है। एनजीटी ने निर्देश दिए कि राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों की देखरेख में नामित नोडल एजेंसी स्थिति का जायजा लेने के लिए 31 जनवरी, 2021 तक अपनी बैठक आयोजित कर सकती है और आगे उठाए जाने वाले कदमों की योजना बना सकती है।
वहीं इसकी आगे की कार्यवाही के लिए जिला अधिकारियों को भी निर्देश दिए जाएंगे। अधिकरण ने देशभर में फैली 351 से अधिक नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए एक योजना तैयार करने के लिए गठित केंद्रीय निगरानी समिति से कहा कि सभी राज्यों द्वारा समय-समय पर एक वर्ष में कम से कम तीन बार जल निकायों के पुनरुद्धार के लिए उठाए गए कदमों की निगरानी करें।
अधिकरण ने कहा कि पहली ऐसी निगरानी 31 मार्च, 2021 तक हो सकती है। अधिकरण याचिकाकर्ता हरियाणा निवासी लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) सर्वदमन सिंह ओबरॉय द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिका में गुड़गांव में घाटी झील के जीर्णोद्धार के अलावा जिले 214 अन्य जलस्रोतों और फरीदाबाद में इसी तरह के जलस्रोतों का पुनरुद्धार किये जाने का अनुरोध किया गया है।
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