- बेहद आसान यूज़र इन्टरफेस और कॉम्पैक्ट
- अलंकित ई-राही एप्लिकेशन पहले 1000 बिल रु.1000/- की प्रतिस्पर्धी कीमत पर जेनरेट करने की पेशकश करता है
इंदौर, 31 मई, 2018- अलंकित लिमिटेड, भारत के अग्रणी जीएसटी सुविधा प्रदाता (जीएसपी) ने ई-राही की शुरुआत की है, यह एक बटन पर क्लिक से ई-वे बिल्स निकालने के लिए एक आसान और लागत प्रभावी मोबाइल एप्लिकेशन और डेस्कटॉप सॉफ्टवेयर है। यह एप्लिकेशन गूगल प्लेस्टोर पर उपलब्ध है और यह एंड्राइड पर इस्तेमल हो सकती है। इसका iOS वर्ज़न तैयार किया जा रहा है, जोकि जल्द ही सबके सामने होगा। इसकी अनूठी विशेषताओं के तौर पर, ई-राही यूज़र से आप ई-वे बिल्स जेनरेट, उन्हें एडिट और एसएमएस, व्हाट्सऐप और ई-मेल के ज़रिए शेयर कर सकते हैं। अगर यूज़र को बिल की हार्ड कॉपी चाहिए तो बिल का फॉर्मेट ऐसा होता है कि उसका प्रिंट आउट निकाला जा सकता है। अलंकित के व्यापक बैक-एंड मेकेनिज़्म के साथ एकीकृत, एप्लिकेशन और सॉफ्टवेयर एक्सेल फॉर्मेट में एक से ज़्यादा बिल की प्रविष्टियों को बनाए रखने की जगह जीएसटी फाइल करने के लिए यूज़र को एक समेकित इनवॉइस रिपोर्ट तैयार करने की भी अनुमति देता है।
ई-वे बिल का आना भारत में लोजिस्टिक्स और परिवहन के क्षेत्र में एक प्रगतिशाली कदम के तौर पर देखा जा रहा है। कम से कम दस्तावेज़ों की ज़रूरत, कर से बचने में कमी, कुशल परिवहन, चेक पोस्ट पर सीमित समय/बिना इंतज़ार जैसे कुछ फायदे उद्योग द्वारा पहले ही देखे गए हैं। फिर भी, ये फायदे सिर्फ अलंकित ई-राही एप्लिकेशन जैसे कुशल डिजिटल सोल्युशन पर मौजूद हैं। जल्द ही, ई-राही अलंकित जीएसटी मुनीम जी (क्लाउड आधारित अनुपालन सॉफ्टवेयर) के साथ एकीकृत होगा, इससे ट्रान्ज़ैक्शन का विवरण अपलोड करने की ज़रूरत नहीं रहेगी।
वर्तमान में, पहले 1000 बिलों की शुरुआती कीमत रु.1000 है। अलंकित 1000 से ज्यादा बिल जेनरेट करने के लिए प्रतिस्पर्धी कीमत वाले पैकेज की पेशकर कर रहा है। 500 बिलों की अगली थोक रु.0.90/- प्रति बिल है। कोई भी कंपनी/व्यक्ति जिसे एक राज्य से दूसरे में सामान स्थानांतरित करना होता है वो एक ई-वे बिल बनाने का हकदार होता है और जोकि अंत में टार्गेट मार्केट बन जाएगा।
अलंकित लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, श्री. अंकित अग्रवाल ने ऐप के बारे में बोलते हुए कहा, ‘‘वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क के अनुसार इसमें प्रति दिन70 लाख ई-वे बिल तक जेनरेट करने की क्षमता है। वर्तमान में सिर्फ क्षमता का 18% ही इस्तेमाल किया जाता है। ई-राही पूरे भारत में वस्तुओं के स्थानांनतरण को एक आसान प्रक्रिया बनाकर इसके बढ़ते उपयोग के लिए तैयार है। एक राष्ट्रव्यापी नेटवर्क और अभिनव जीएसटी सेवाओं की मज़बूत रीढ़ के साथ, अलंकित एक अधिक सहज अनुपालन वातावरण बनाने के लिए इनवॉइस बनाने की विभिन्न ऑटोमेटिंग प्रक्रियाओं, ई-वे बिल जेनरेशन, रिटर्न जमा करने और इन सभी को एकीकृत करने के साथ प्रभावी प्रौद्योगिकी कार्यान्वयन के लिए अनुकूल वातावरण बनाकर भारत में डिजिटल परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा अनूठा एप्लिकेशन अधिक संख्या में ई-वे बिल सहजता से निकालने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे पिछले 11 महीनों में अलंकित द्वारा निर्मित जीएसटी परिस्थितिक तंत्र से समर्थन किया जाता है, जोकि लॉजिस्टिक उद्योग के लिए कई लाभ लेकर आएगा। ई-राही का लक्ष्य डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना, ट्रान्ज़िट टाइम के मसले को हल करना और जीएसटी ढाँचे में प्राचीन परिवहन उद्योग का उपयोग करने में सरकार की मदद करना है।’’
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