न्यूज़ डेस्क : सुप्रीम कोर्ट ने यात्रियों के टिकट के रिफंड से जुड़ी नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है। लॉकडाउन के दौरान रद्द की गई फ्लाइट की टिकटों का रिफंड क्रेडिट शेल के जरिए हो सकेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान रद्द हुई टिकटों के रिफंड तत्काल देने का आदेश एयरलाइंस को दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अगर लॉकडाउन के दौरान यात्रा का टिकट था, तो उसका पैसा तत्काल एयरलाइंस वापस करें। वहीं अगर लॉकडाउन के बाद की यात्रा के लिए टिकट कैंसिल कराया गया था, तो भी कंपनियों को उसका पैसा तीन हफ्ते के भीतर वापस करना होगा।
25 सितंबर को उच्चतम न्यायालय ने लॉकडाउन के दौरान रद्द हुई फ्लाइट टिकट के पैसे लौटाने के मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। न्यायालय ने मामले की सुनवाई के दौरान फ्लाइट कंपनियों से पूछा था कि, ‘आपकी कंपनी की दिक्कत है इसके लिए यात्री क्यों भुगतान करें?’
सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा था कि उसे सिर्फ यात्रियों की चिंता है। सरकार की ओर से कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। उन्होंने कहा था कि, ‘अगर किसी ट्रैवल एजेंट ने एयरलाइंस के पास एडवांस में पैसे जमा करवाए हों, तो उस पर हमें कुछ नहीं कहना। उड़ानों की टिकट की ‘थोक खरीद’ नहीं की जा सकती है, यह सिर्फ एयरलाइन कंपनियों और ट्रैवल एजेंट के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट है और नागर विमानन निदेशालय (डीजीसीए) का इससे कोई लेना देना नहीं है।’
बुरी तरह प्रभावित हुईं हवाई यात्रा सेवाएं
कोरोना वायरस महामारी के कारण दो महीने के अंतराल के बाद जब 25 मई को घरेलू यात्री उड़ान सेवा बहाल हुई थी। मालूम हो कि कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन से हवाई यात्रा सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। हालांकि अब देश में हवाई यात्रा सामान्य स्थिति की तरफ लौट रही है। बुधवार को विमानन कंपनियों ने 1320 उड़ानों का संचालन किया जबकि शुरुआत में यह संख्या 700 थी। जबकि कोविड-19 से पहले देश में रोजाना 2500 उड़ानें संचालित हो रही थीं
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