ईंधन न मिलने से चारघंटे देरी से उड़ा एअर इंडिया का विमान, छह हवाई अड्डों पर तेल कंपनियों ने रोक दी है आपूर्ति
खास बातें
- ईंधन न मिलने से चारघंटे देरी से उड़ा एअर इंडिया का विमान।
- बकाया भुगतान न होने से कोचीन समेत छह हवाई अड्डों पर तेल कंपनियों ने रोक दी है आपूर्ति।
- एअर इंडिया के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने कहा- फंड की कमी के चलते रुकी एअर इंडिया को ईंधन आपूर्ति।
न्यूज़ डेस्क : भुगतान न होने से तेल कंपनियों की एअर इंडिया को ईंधन सप्लाई पर रोक का असर दुबई जाने वाली उड़ान पर पड़ा। कोचीन हवाई अड्डे से सोमवार को एअर इंडिया का ड्रीमलाइनर विमान करीब चार घंटे तक उड़ान नहीं भर सका। विमान में करीब 300 यात्री सवार थे।
नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के दखल के बाद विमान दोपहर करीब 1.09 बजे उड़ान भर सका, जबकि इसका समय सुबह 9.15 बजे का था। मामला केरल के कांग्रेस सांसद एंटो एंटोनी ने उठाया था, कुछ यात्रियों ने उनसे उड़ान में देरी की शिकायत की थी। हवाईअड्डे के प्रवक्ता ने भी बताया कि ईंधन आपूर्ति न होने की वजह से ऐसा हुआ। गौरतलब है कि तेल कंपनियों ने बकाया भुगतान न होने की वजह से कोचीन समेत छह हवाईअड्डों पर एअर इंडिया के विमानों की ईंधन आपूर्ति गुरुवार से रोक दी थी।
एअर इंडिया के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने साफ कर दिया है कि एअर इंडिया को तेल विपणन कंपनियों द्वारा देश के छह एयरपोर्ट पर एटीएफ न दिए जाने के कारण फंड की कमी होना है, न कि उसका परिचालन प्रदर्शन। इसके साथ ही लोहानी ने रविवार को अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि एअर इंडिया कि मौजूदा परिस्थितियां अनुकूल न होने के बावजूद एयर इंडिया का परिचालन जारी रहेगा।
मालूम हो कि तेल विपणन कंपनियों ने पिछले सप्ताह कोच्चि, पुणे, पटना, रांची, विशाखापट्टनम और मोहाली हवाई अड्डों में तेल भुगतान न होने के चलते एअर इंडिया को एटीएफ की आपूर्ति रोक दी है। एअर इंडिया को तेल विपणन कंपनियों को करीब 5000 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। इस वित्तीय वर्ष में सरकार ने एअर इंडिया को कोई वित्तीय मदद नहीं की है। पिछले वित्तीय वर्ष के अंत तक एअर इंडिया पर कुल 58,351 करोड़ रुपये का कर्ज चढ़ चुका था, जबकि इसका कुल नुकसान 70,000 करोड़ रुपये का था।
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