न्यूज़ डेस्क : अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद एआईसीटीई ने देश भर में इंजीनियरिंग के बिगड़ चुके ढ़ांचे को फिर से संवारने की कोशिशें शुरू कर दी है। एआईसीटीई ने नियमित संचालित हो रहे बीटेक कोर्सों की मान्यता पर पाबंदी लगा रखी है। सत्र 2020-21 से सिर्फ नौ कोर्सों में ही संस्थानों को मान्यता दी जाएगी। एआईसीटीई ने कोर्स भी डिजाइन कर लिए जिनमें संस्थानों को मान्यता दी जाएगी।
प्रदेश में पिछले एक दशक में इंजीनियरिंग की पढ़ाई का स्तर काफी गिरा है। यही वजह है कि छात्रों का रूझान इंजीनियरिंग की तरफ से कट गया है। यूपी में अब तक तीन सौ से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेजों पर छात्रों की कमी के चलते ताला लग चुका है। इंजीनियरिंग की साख को वापस लाने के लिए एआईसीटीई ने तैयारी शुरू कर दी है। एआईसीटीई के एडवाइजर डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि नई पॉलिसी के अनुसार इंजीनियरिंग के सिर्फ नौ ट्रेंड में मान्यता प्रदान की जाएगी। इनमें रोबोट्रीक्स, एथिक्ल हैकिंग, एनॉलिटिकल टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशल इंटीलिजेंस समेत नौ कोर्स शामिल हैं। मान्यता के लिए आवेदन करने वाले संस्थानों को अब इन्हीं कोर्सों में से चयन करना होगा। उन्होंने बताया कि अब नए कॉलेजों में टेक्निकल एजुकेशन को उच्च स्तर पर ले जाने की तैयारी है। इंडस्ट्री और समय की डिमांड के अनुसार ही कोर्सों को डिजाइन किया जाएगा।
इंटर्नशिप व प्लेसमेंट पर है फोकस : डॉ राजीव कुमार ने कहा कि कॉलेजों को पुराने ट्रेडिशनल कोर्सों में मान्यता नहीं दी जाएगी। कॉलेजों को सिर्फ डिजाइन किए गए नौ ट्रेंडों में ही मान्यता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पुराने कॉलेज चाहे तो नए कोर्स की मान्यता के लिए आवेदन कर सकते हैं। एआईसीटीई छात्रों के प्लेसमेंट व इंटर्नशिप पर भी काम कर रहा है। छात्रों को अब इंटर्नशिप में भत्ता भी दिया जाएगा। इसके लिए देश भर में इंडस्ट्री के साथ एमओयू किए जा रहे हैं। ताकि आने वाले समय में छात्र इंडस्ट्री के हिसाब से ही तैयार हो।
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