कृषि आधारित स्टार्ट-अप ग्रामोफोन के फील्ड डे पर उमड़ी नई तकनीक जानने के लिए किसानों की भीड़

अभयपुर, मध्य प्रदेश, 02 मार्च, 2019
इंदौर में कृषि आधारित स्टार्टअप ग्रामोफोन की स्थापना आईआईटी और आईआईएम स्नातक, तौसीफ खान, निशांत महात्रे, हर्षित गुप्ता और आशीष राजन सिंह ने की थी। ग्रामोफोन ने 2016 में अपना कार्य करना शुरू किया और वर्तमान में मध्य प्रदेश में लगभग 1.5 लाख किसानों की मदद कर रहा है। इस स्टार्टअप का लक्ष्य किसानों को खेती की सही तकनीक प्रदान करना है जो उन्हें उच्च पैदावार देने का कार्य करती है। बढ़ती तकनीकी प्रगति के साथ, इंटरनेट हर समस्या का समाधान बन गया है।

 

ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्टफोन के उपयोग में वृद्धि के साथ, किसानों को सही जानकारी प्रदान करना अब आसान हो गया है और बहुत सारे किसान इससे लाभान्वित हो रहे हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि किसान क्वालिटी बीज, दवाइयां, फसल पोषन, कृषि उपकरण, वो भी एक्सपर्ट सलाह के साथ घर बैठे खरीद सकते हैं। ग्रामोफोन कंपनी यह सब सुविधाएं अपनी एंड्राइड ऐप व् टोल फ्री नंबर द्वारा किसानों को उपलब्ध कराती है। आज, उन्हें खेती से संबंधित सहायता के लिए किसानों से 2 लाख से अधिक कॉल प्राप्त होते हैं और 80,000 से अधिक एप्लिकेशन इंस्टॉल हैं जहां लोग अपनी समस्याओं को साझा करते हैं।

 

हाल ही में शाजापुर में कृषि आधारित स्टार्टअप ग्रामोफोन ने अपना फील्ड डे आयोजित किया जहां ग्रामोफोन के कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को हर कदम पर निर्देशित किया और फसल चक्र में फसल की समीक्षा की और परिणाम काफी उत्साहजनक पाए। शाजापुर क्षेत्र के अभयपुर गांव के एक किसान संतोष पाटीदार (रामजी) ग्रामोफोन के बारे में कहते है कि, ष्मैं अपने खेतों में आलू का उत्पादन करता हूँ और इस सीजन में ग्रामोफोन के विशेषज्ञों से मदद ले रहा हूं। ग्रामोफोन की सलाह फसल बुआई मूल्य और उत्पादन, दोनों में काफी कारगर साबित हुई है। जहां डेढ़ एकड़ की भूमि पर एक बार की बुआई में 2580 रुपये की लागत आती थी वहीं ग्रामोफोन की सलाह ने इसे 2538 रुपये पर ला दिया है। उत्पादन में भी बड़ा अंतर देखने को मिला है। पहले निश्चित भूमि पर 52 क्विंटल का उत्पादन होता था वहीं ग्रामोफोन की सलाह से यह अब 62.4 क्विंटल हो गया है। मुझे उम्मीद है कि आगे भी 30-40 प्रतिशत ज्यादा उत्पादन देखने को मिलेगा।ष्

ग्रामोफोन के विशेषज्ञों का विचार किसानों के मुनाफे को अधिकतम करना है और उन्हें ये समझाने में मदद करना है कि प्रौद्योगिकी-संचालित दृष्टिकोण खेती करने का एक नया तरीका क्यों है? ग्रामोफोन आम तौर पर किसानों को उनके टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से सहायता प्रदान करता है, जहां लोग मिस्ड कॉल देकर उनसे संपर्क कर सकते हैं। स्टार्टअप में टोल फ्री नंबर और विशिष्ट उत्पाद भी हैं जो कि किसानों को आने वाली सभी कृषि-संबंधी समस्याओं और चुनौतियों का समाधान प्रदान करते हैं। कृषि एक्सपर्ट्स से जुड़ने के लिए अब केवल 18003157566 पर मिस कॉल देना ही काफी है।

 

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