प्रधानमंत्री संग्रहालय के उद्घाटन के बाद दो महीने में ही भारत और दुनिया भर से 50 हजार से अधिक आगंतुकों ने इस संग्रहालय का दौरा किया। आम जनता के लिए प्रधानमंत्री संग्रहालय को 21 अप्रैल 2022 को खोला गया जिसे जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है।
प्रधानमंत्री संग्रहालय के उद्घाटन के दो महीने के अंदर राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू, भारत के मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्यों, विभिन्न राज्यों के राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों, और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों और प्रशासकों सहित कई महत्वपूर्ण गणमान्य व्यक्तियों ने इस संग्रहालय का दौरा किया है।
ये आगंतुक समाज के विभिन्न वर्गों और सभी आयु समूहों से होते हैं। इस संग्रहालय में लोग पूरे परिवार के समूह में, पर्यटकों के समूह, युवा वयस्क, दिव्यांग लोग और स्कूल/कॉलेज से छात्रों के समूह अक्सर आते हैं। संग्रहालय की इंटरएक्टिव सुविधाओं जैसे अपने पसंदीदा प्रधानमंत्री के साथ चित्र/चलना और हेलीकॉप्टर की सवारी में जबरदस्त रुचि देखी गई है और इसके लिए लगभग हर दिन जरूरत से ज्यादा बुकिंग होती है।
यह संग्रहालय भारत के प्रत्येक प्रधानमंत्री को एक श्रद्धांजलि है, और यह पिछले 75 वर्षों में हमारे देश के विकास में प्रत्येक प्रधानमंत्री ने कैसे योगदान दिया है, इसका एक कथात्मक रिकॉर्ड है। यहां आगंतुक प्रधानमंत्रियों के जीवन के माध्यम से संसदीय लोकतंत्र के रूप में भारत की अद्वितीय यात्रा से परिचित होते हैं, जो हर वर्ग और समाज के हर स्तर से आए हैं, क्योंकि लोकतंत्र के द्वार सबके लिए खुले हैं।
यह संग्रहालय आज़ादी के बाद भारत की कहानी को होलोग्राम, वर्चुअल रियलिटी, ऑगमेंटेड रियलिटी, इंटरेक्टिव कियोस्क, कम्प्यूटरीकृत चलायमान मूर्तियां, स्मार्ट फोन एप्लिकेशन, इंटरेक्टिव स्क्रीन, अनुभवात्मक इंस्टॉलेशन आदि जैसे प्रौद्योगिकी-आधारित इंटरफेस के साथ व्यापक, वस्तुगत और दिलचस्प तरीके से बताता है। इस संग्रहालय में ऐतिहासिक आख्यानों को प्रस्तुत करने के लिए प्रौद्योगिकी का अनूठा मिश्रण किया गया है जो पारंपरिक संग्रहालयों में प्रदर्शन के तरीके से बिल्कुल अलग है। धर्म चक्र धारण किए हुए भारत के लोगों के बढ़ते हाथों को दर्शाने वाले संग्रहालय के लोगो को भी एक डिजाइन अवधारणा के रूप में काफी सराहा गया। स्वागत समारोह में हवा में उड़ते हुए राष्ट्रीय प्रतीक ने विशेष लोकप्रियता हासिल की है।
प्रतिपुष्टि (फीडबैक) सर्वेक्षणों में, ज्यादातर आगंतुकों ने इस संग्रहालय की अपनी यात्रा को एक यादगार अनुभव बताया। यह पूछे जाने पर कि वे संग्रहालय में क्यों आए, अधिकांश आगंतुकों ने कहा कि वे अपने प्रधानमंत्रियों के जीवन और उनके योगदान के बारे में जानना चाहते हैं और इन सबके माध्यम से आजादी के बाद के भारत के इतिहास के बारे में और अधिक जानकारी चाहते हैं। आगंतुकों, खासकर कॉलेज जाने वाले छात्रों ने पाया कि अभिलेखीय दस्तावेजों, पत्राचार, समाचार पत्रों और ऐतिहासिक तस्वीरों ने उनके लिए प्रामाणिक ज्ञान का भंडार खोल दिया है। प्रधानमंत्रियों के जीवन में विभिन्न महत्वपूर्ण घटनाओं को कवर करने वाले डिजिटल और भौतिक स्वरूप में प्रस्तुत अभिलेखीय समाचार पत्र विशेष रूप से आगंतुकों को आकर्षित करते हैं। इनमें से कई इतने पुराने हैं कि उन समाचार पत्रों की सुर्खियों का स्मरण नहीं हो पाता है।
अपने संदेश में, राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने अपना विश्वास व्यक्त करते हुए लिखा, “हमारे देशवासी स्वाधीन भारत के आदर्शों से प्रभावित होंगे, राष्ट्र-गौरव का अनुभव करेंगे तथा और भी बेहतर समाज, देश और विश्व निर्माण के प्रति प्रेरित होते रहेंगे”।
इस संग्रहालय में केवल मूल चित्रों और वीडियो का उपयोग किया गया है। इससे संग्रहालय जो कहानी बताती है उसे और अधिक प्रामाणिकता मिलती है। इसके लिए इसे सर्वसम्मत प्रशंसा मिली है। यहां जिस निष्पक्षता के साथ प्रधानमंत्रियों के जीवन और उनके कार्यकाल को प्रदर्शित किया गया है, उससे सभी परिचित हैं। सामग्री के साथ प्रौद्योगिकी के सहज एकीकरण ने संग्रहालय को लोगों के लिए शिक्षाप्रद और प्रेरणादायक बना दिया है, खासकर युवाओं के लिए, जो यहां स्थापित तकनीकी इंटरफेस में बहुत रुचि रखते हैं। संग्रहालय में रखे गए प्रधानमंत्रियों के निजी सामान भी पर्यटकों को काफी आकर्षित करते हैं। यह संग्रहालय समकालीन भारत के इतिहास और देश के राजनीतिक नेतृत्व के बारे में जानने के लिए लोगों द्वारा लंबे समय से महसूस की गई आवश्यकता को पूरा करता है।
यह संग्रहालय जल्द ही भारत के सफल अंतरिक्ष कार्यक्रम पर एक हाई-टेक लाइट एंड साउंड शो के उद्घाटन की भी घोषणा करेगा।
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