उम्मीद के टूटने के बाद वापिस खडे होना है स्ट्रगल : राम यशवर्धन

 
इंदौर, 24 जनवरी, 2019ः अपनी ब्रांड फिलॉसफी ‘भुला दे डर, कुछ अलग कर’ के अनुरूप स्टार भारत पेश करता है एक ऐसा शो जो हमारे समाज की उस मानसिकता को दर्शाता है जिसने समाज को बंधक बना रखा है और साथ ही एक ऐसा रास्ता भी दिखाता है जिससे समाज में बदलाव लाया जा सकता है! अफसोसजनक है कि देश और समाज के कई हिस्सों में पितृसत्ता बुरी तरह से हावी है। समाज स्टाकिंग जैसे अपराधों की तब तक अनदेखी करता है जब तक चीजें बदरूप और गंभीर नहीं हो जाती हैं। 
वर्षों की चुप्पी के बाद आज हमारे देश की महिलाएँ आखिरकार असाधारण शक्ति और साहस के साथ उत्पीड़न के खिलाफ एकजुट हो रही हैं। जागरण की इस भावना को सेलीब्रेट करते हुए 21 जनवरी को स्टार भारत ‘एक थी रानी एक था रावण’ को लॉंच कर दिया। 
 
यह शो हमारे देश में गंभीर रूप धारण कर चुके स्टाकिंग जैसे मुद्दे को एक युवा लड़की की दमदार कहानी के माध्यम से पेश करता है। झाँसी की रानी के ऐतिहासिक शहर झाँसी की पृष्ठभूमि में यह शो देश की हर-दूसरी लड़की के दुखद स्वप्न को बयां करता है जो अपना घर छोड़ते समय हर वक्त दुविधा में रहती है। 
रानी एक टूटे हुए परिवार से संबंध रखती है जो शिक्षित होकर स्वावलंबी होना चाहती है। लेकिन हर रोज उसे एक पीछा करने वाले (स्टाकर) का डर सताता रहता है। एक व्यक्ति जो उसके घर से निकलने तक इंतजार करता है और पूरे दिन उसका पीछा करता है। यह व्यक्ति है 27 साल का रिवाज जो न तो उसका दोस्त है और न ही उसका प्रेमी। वह एक स्टाकर (पीछा करने वाला) है।
स्टाकिंग जैसे अपराध पर शायद ही कभी ध्यान दिया जाता है और इसकी गंभीरता को नजरअंदाज कर दिया जाता है। बल्कि स्टाकिंग की शिकार महिला को इससे बचने के लिए अपनी जिंदगी और तौर-तरीके में बदलाव लाने के लिए कहा जाता है।  दृष्टिकोण हमेशा अपराधी के बजाय महिला को दोष देने का होता है। यह शो समाज में व्याप्त बुराई को दूर करने के लिए पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से प्रभावित करने का प्रयास करता है।
 
स्टार भारत के प्रवक्ता ने कहा, हमारे मनोरंजक फिक्शन शोज का मकसद पूरे पारिवार का मनोरंजन करना है और लॉंचिंग के बाद से ही हमें गर्मजोशी से भरपूर प्रतिक्रिया मिली है। हमारा निरंतर प्रयास उन कहानियों को सामने लाने का है जो हमारे देश के सच्चे नायकों को स्वयं को उजागर करने के लिए प्रेरित करती हैं। हमने इस साल की शुरुआत ‘एक थी रानी एक था रावण’ नामक एक ऐसी कहानी के साथ की है जो हर महिला के डर को आग में बदलने की उसकी आंतरिक शक्ति पर आधारित है। हमारे साल की शुरुआत हो चुकी है, 2019 को शानदार बनाने के लिए दर्शकों तो और आशाजनक शोज देखने को मिलने वाले हैं। 
राम ने कहा, “एक थी रानी एक था रावण, हाल ही में ऑन एयर हुआ है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि शो दर्शकों को बेहद पसंद आएगा। रानी के जीवन में रावण या रिवाज की भूमिका के लिए मुझे वजन बढ़ाना पड़ा। यहाँ तक कि मुझे अपने चलने और बात करने के तरीके में भी बदलाव करना पड़ा। एक बात जो मुझे इस शो को लेकर उत्साहित करती है वह ये है कि इसका मकसद समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाना है। इस शो का हिस्सा बनाने के लिए मैं स्टार भारत को धन्यवाद देता हूँ।” इंदौर के अपने दौरे पर उन्होंने कहा, “इंदौर में आकर मैं बहुत खुश हूँ। शो के प्रमोशन के अलावा मैं शाम को छप्पन भोग से लोकप्रिय व्यंजनों का स्वाद लेना चाहता हूँ।”
पैनोरमा एंटरटेनमेंट द्वारा निर्मित इस शो से मनुल चुदासमा नायिका श्रानीश् और राम यशवर्धन को विलेन श्रिवाजश् के रूप में डेब्यू कर रहे हैं। बहुमुखी कलाकार और गायिका इला अरुण ने शो के प्रमोशन के लिए अपनी आवाज दी है। संजीव सेठ, वैष्णवी राव, अश्विन कौशल और रित्विक डे जैसी टेलीविजन हस्तियाँ शो में अहम भूमिकाओं में दिखेंगे।

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