न्यूज़ डेस्क : गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में प्रश्न के एक लिखित उत्तर में बड़ी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर सरकार द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, अगस्त 2019 से जम्मू-कश्मीर के बाहर के केवल दो व्यक्तियों ने अब तक संपत्तियां खरीदी हैं। जम्मू-कश्मीर में अब जमीन खरीदने में बाहरी लोगों या सरकार को किसी तरह की कठिन प्रक्रियाओं का सामना नहीं करना पड़ रहा है।
बता दें कि जम्मू कश्मीर में साल 2019 में पांच अगस्त को प्रदेश को विशेष अधिकार देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 और 35-a को खत्म कर दिया गया था। इसके बाद से बाहरी लोग जो यहां के कई अधिकारों से वंचित रह जाते थे उन्हें वास्तविक अधिकार मिलने लगा।
1989 से 2019 के बीच जम्मू कश्मीर में 5886 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए
एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में गृह राज्यमंत्री ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में 1989 के बाद से 5886 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह राज्य सीमापार से समर्थित व प्रायोजित आतंकवाद से प्रभावित है। 1989 में राज्य में आतंकवाद की शुरुआत के बाद से 5 अगस्त 2019 तक आतंकी घटनाओं में 5886 सुरक्षाकर्मी मारे गए।
यूएपीए के तहत दर्ज मामलों में बढ़ोतरी: गृह राज्य मंत्री
गृह राज्य मंत्री ने लोकसभा में प्रश्न के एक लिखित उत्तर में कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार, यूएपीए के तहत दर्ज मामलों की संख्या वर्ष 2017 में 901 थी जो कि वर्ष 2019 में बढ़कर 1226 हो गई है। जबकि गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या वर्ष 2017 में 1554 थी जो कि वर्ष 2019 में बढ़कर 1948 हो गई है।
आईएसआईएस और आईएसआईएल आतंकवादी संगठन के रूप में प्रतिबंधित
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में प्रश्न के एक लिखित उत्तर में कहा कि केंद्र सरकार ने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवेंट (ISIL) या इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS), दाएश को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत एक आतंकवादी संगठन के रूप में प्रतिबंधित किया है।
राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी (NRC) तैयार करने पर अभी कोई फैसला नहीं
वहीं राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) तैयार करने के सवाल पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि अभी तक सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है। राय ने कहा कि अब तक सिर्फ असम में ही एनआरसी अपडेट किया गया है। 2019 में जब राज्य में एनआरसी की अंतिम सूची प्रकाशित की गई थी, तब 3.3 करोड़ आवेदकों में से 19.06 लाख को इससे बाहर किया गया था। इस पर काफी राजनीतिक बवाल मचा था।
जाति के आंकड़े जारी करने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं: गृह राज्य मंत्री
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में जनगणना 2021 पर एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि इस स्तर पर जाति के आंकड़े जारी करने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि आगामी जनगणना पहली डिजिटल जनगणना होगी और इसमें स्व-गणना का प्रावधान है। आंकड़ों के संग्रह के लिए मोबाइल एप और जनगणना से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के प्रबंधन और निगरानी के लिए एक जनगणना पोर्टल विकसित किया गया है।
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