न्यूज़ डेस्क : वैश्विक संक्रामक कोरोना महामारी के दौर में बीते साल देश के कई राज्यों में रेल के डिब्बों को अस्थायी अस्पताल के तौर पर इस्तेमाल किया गया था। अब इसी तर्ज पर देश में स्कूल भी संचालित किए जाने की योजना है। देश की राजधानी में तो इस संबंध में तैयारियां जोरों पर है। इतना ही नहीं स्कूल के साथ-साथ औषधालय यानी डिस्पेंसरी भी शुरू की जाएगी। बता दें कि इससे पहले मैसूर में ऐसे स्कूल बनाए गए हैं।
दरअसल, एसडीएमसी यानी दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने स्कूल और औषधालयों को चलाने के लिए परित्यक्त रेल डिब्बों और कंटेनर का उपयोग करने की योजना बनाई है। इस नए कदम के तहत, स्कूल, डिस्पेंसरी और शौचालय की सुविधाओं को चलाने के लिए नगर निगम ने परित्यक्त यानी पुराने हो चुके रेलवे कंटेनरों का पुन: उपयोग करने की योजना बना रही है। इस संबंध में शनिवार को विशेष बैठक हुई थी।
इस आभासी बैठक में रेल मंत्री पीयूष गोयल और दक्षिण दिल्ली की मेयर अनामिका ने इस संबंध में विमर्श किया था। बैठक में एसडीएमसी ने मंत्रालय से स्कूल, डिस्पेंसरी और शौचालय बनाने के लिए रेल कंटेनर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था। स्कूल, डिस्पेंसरी और शौचालय बनाने के लिए उन डिब्बों और कंटेनर का उपयोग किया जाएगा, जो अब उपयोग से बाहर हो चुके हैं। जानकारी के अनुसार, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आश्वासन दिया है कि एसडीएमसी को कंटेनर जल्द से जल्द मुहैया कराया जाएगा।
वहीं, मेयर ने कहा कि इस अनोखी पहल से दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने अनधिकृत कॉलोनियों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को सुनिश्चित करने में सक्षम होगी, जहां अस्पताल और स्कूल सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। मेयर ने कहा कि एसडीएमसी इन कंटेनरों में छोटे आकार के अस्पताल, डिस्पेंसरी और स्कूल कम बजट में बना सकती है और निगम की ओर से कर्मचारियों की तैनाती कर सकती है। उन्होंने कहा कि कई लोग खुले में शौच और पेशाब के लिए रेलवे ट्रैक और आसपास के क्षेत्रों का उपयोग करते हैं। इस कदम से ऐसे इलाकों में स्वच्छता बनाए रखने में मदद मिलेगी।
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