न्यूज़ डेस्क : बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के केंद्र सरकार में शामिल होने के बाद पार्टी में नए अध्यक्ष को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है। एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के चलते शाह ज्यादा समय तक अध्यक्ष नहीं रहेंगे। नए अध्यक्ष के लिए सबसे चर्चा में दो नाम जेपी नड्डा व भूपेंद्र यादव के है। दोनों संगठन के मामलों में माहिर हैं।
वही मोदी और अमित शाह की हमेशा कुछ नया और चौकाने वाले फैसलों को देखते हुए ऐसा अनुमान भी लगना शुरु हो गया है की हरियाणा और पश्चिम बंगाल मे पार्टी को जीत दिला कर और अपनी राजनीतिक कौशल का परिचय करने वाले नेता और अमित शाह के सबसे करीबी कैलाश विजयवर्गीय को बीजेपी की कमान दी जा सकती है l विजयवर्गीय को कमान देने से पार्टी एक तरह से अमित शाह के पास ही रहेगी और कैलाश जी को उनके कुशल रणनीति का इनाम भी मिल जायेगा, परन्तु बीजेपी अध्यक्ष का फैसला संघ की मर्ज़ी से होता है अत यह देखना होगा की अब नया अध्यक्ष कौन होता है l
भूपेंद्र यादव ने भी अमित शाह की टीम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। गुजरात व बिहार के प्रभारी के साथ वे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी उनकी भूमिका बेहद अहम रही है। भूपेंद्र यादव मोदी व शाह दोनों के करीबी माने जाते हैं।
पिछले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी अमित शाह ने संभाली थी और 80 में से 73 सीटों पर एनडीए को जीत मिली थी। जो केंद्र में भाजपा सरकार के लिए सबसे अहम थी। इस बार मोदी ने उत्तर प्रदेश का मोर्चा जेपी नड्डा को सौंपा और भाजपा ने 62 सीटों के साथ एनडीए के हिस्से में 64 सीटे आई, वह भी तब जबकि राज्य में सपा,बसपा व रालोद का मजबूत माने जाने वाला गठबंधन था।
नड्डा एबीवीपी के समय से राजनीति में सक्रिय हैं। युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष व राज्य में मंत्री व विधानसभा में नेता विपक्ष भी रहे। राष्ट्रीय स्तर पर महा सचिव के साथ मोदी की पहली सरकार में मंत्री भी रहे हैं। संगठनात्मक मामलों पर उनकी गहरी पकड़ रही है। नड्डा का नाम पहले भी अध्यक्ष के लिए चर्चा में आया था तब यह जिम्मेदारी शाह को दी गई थी।
बीजेपी के ‘चाणक्य’ माने जाते रहे हैं शाह : बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल सदस्य के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। शतरंज खेलने, क्रिकेट देखने एवं संगीत में गहरी रुचि रखने वाले बीजेपी के ‘चाणक्य’ अमित शाह ने राज्य दर राज्य भाजपा की सफलता की गाथा लिखते हुए इस बार लोकसभा में पार्टी के सदस्यों की संख्या 303 करने में बड़ी भूमिका निभाई है।
पश्चिम बंगाल में परचम : राजनीतिक विश्लेषक मानते हें शाह की बदौलत लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल, ओडिशा और दक्षिण भारत में पार्टी बेहतर प्रदर्शन कर सकी। उन्होंने बिहार और महाराष्ट्र में एनडीए घटक दलों के साथ लचीला रुख अपनाकर सफल रणनीति बनाई।
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