न्यूज़ डेस्क : पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी शिकस्त और राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद वह ‘युवा ब्रिगेड’ बिखरती चली गई जो कभी पार्टी का भविष्य मानी जाती थी। इसी कड़ी में नया नाम सचिन पायलट का जुड़ा है जो अब कांग्रेस से जुदा होने के मुहाने पर खड़े हैं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ खुलकर बगावत कर चुके पायलट को मंगलवार को उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। इसके बाद यह लगभग तय माना जा रहा है कि अब कांग्रेस और सचिन पायलट के संबंधों का पटाक्षेप हो जाएगा।
मप्र में 15 साल बाद बनी कांग्रेस सरकार 15 महीने में गिर गई थी
सचिन पायलट से जुड़े इस घटनाक्रम से महज कुछ महीने पहले ही कांग्रेस के एक और बड़े युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को अलविदा कह भाजपा का दामन थाम लिया था। नतीजा यह हुआ कि मध्यप्रदेश में 15 साल के बाद बनी कांग्रेस की सरकार 15 महीनों में ही चली गई।
जानकार मानते हैं कि युवा नेताओं के कांग्रेस से अलग होने का कारण वरिष्ठ नेताओं के साथ उनका टकराव और राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से हटने के बाद खुद को असहज पाने की स्थिति है। हालांकि, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि ऐसा वे अपने राजनीतिक फायदे के लिए कर रहे हैं।
अपने राजनीतिक हित के लिए ऐसा कर रहे हैं युवा नेता : कांग्रेस
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘वैचारिक प्रतिबद्धता की परीक्षा मुश्किल घड़ी में होती है। आज जो नेता कांग्रेस से अलग हो रहे हैं उन्हें पार्टी ने बहुत कुछ दिया। अब वो अपने फायदे के लिए पार्टी के हित को नुकसान पहुंचाकर ऐसे कदम उठा रहे हैं।’
जितिन समेत कई युवा नेताओं ने पायलट मामले में जताई निराशा : हालांकि, कई अन्य युवा नेता अब दबी हुई जुबान में ही सही, लेकिन अपनी भावनाएं प्रकट कर देते हैं। पायलट को प्रमुख पदों से हटाए जाने के बाद भी ऐसा ही हुआ। जितिन प्रसाद और प्रिया दत्त जैसे युवा नेताओं ने इस पर न सिर्फ दुख जताया, बल्कि पार्टी के लिए उनके कार्यों की सराहना भी की।
जितिन प्रसाद ने इस मामले में निराशा जताते हुए कहा, ‘सचिन पायलट मेरे मित्र हैं। इस तथ्य को कोई नकार नहीं सकता कि इतने वर्षों में उन्होंने पार्टी के लिए समर्पण भाव से काम किया है। उम्मीद करता हूं कि हालात संभाले जा सकते हैं। दुखद है कि बात यहां तक पहुंची।’
कभी राहुल गांधी के खास हुआ करते थे सिंधिया और पायलट : बता दें कि सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया कभी राहुल गांधी के सबसे करीबियों में गिने जाते थे। सिंधिया के कांग्रेस से अलग होकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि सिंधिया उन चंद लोगों में से एक थे जो कभी भी उनके घर आ सकते थे।
बहरहाल, पायलट से जुड़े घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस के कई युवा नेता निराशा जता रहे हैं। वे इसे पार्टी के लिए नुकसानदायक मानते हैं। कांग्रेस के एक युवा नेता ने कहा, ‘ये चीजें पार्टी को नुकसान देने वाली हैं। पार्टी को इस पर गंभीरता से सोचना चाहिए और जरूरी कदम उठाने चाहिए।’
Comments are closed.