अफगानिस्तान संकट : 10 लाख बच्चे हो सकते हैं कुपोषित –यूनिसेफ

न्यूज़ डेस्क : तालिबान शासन का संकट झेल रहे अफगानिस्तान में बच्चे एक गंभीर वास्तविक स्थिति का सामना करने के लिए मजबूर हैं। यूनिसेफ ने कहा है अफगानिस्तान में लाखों बच्चों को मानवीय सहायता की सख्त जरूरत है। ये बच्चे पहले से कोरोना संकट को झेल रहे थे और अब तालिबान के शासन के बाद सहायता देने वाली एजेंसियों के देश छोड़ने के कारण उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं। क्योंकि ये बच्चे पहले से ही मानवीय और विदेशी सहायता पर जीवित थे।

 

 

 

गौरतलब है कि तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान को दी जाने वाली विदेशी सहायता रोक दी गई है। विश्व बैंक ने अफगानिस्तान को दी जाने वाली सहायता राशि और करोड़ों की फंडिंग पर रोक लगा दी है। विश्व बैंक ने 2002 से अब तक वहां  5.3 बिलियन डॉलर खर्च किया है और 27 परियोजनाएं चल रही हैं। पिछले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने तालिबान को कोई सहायता देने से मना कर दिया है। इस बीच, अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगी अफगानिस्तान से सैनिकों को वापस निकाल रहे हैं। 

 

 

 

14 मिलियन लोगों के सामने खाने का संकट

उधर वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के कार्यालय का भी कहना है कि अफगानिस्तान की आबादी 39 मिलियन है जिसमें 14 मिलियन लोगों के सामने भोजन का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। अफगानिस्तान तीन सालों में दूसरी बार सूखे का भी सामना कर रहा है, इससे हालात और खराब हो रहे हैं।

 

 

तालिबान बच्चों तक हमें सुरक्षित पहुंचने दे

यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरीटा फोर का कहना है हमारा अनुमान है कि आने वाले महीनों में गंभीर सूखे और पानी की कमी,  विनाशकारी सामाजिक आर्थिक परिणामों और सर्दियों की शुरुआत के बीच बच्चों और महिलाओं की मानवीय ज़रूरतें बढ़ेंगी। हम तालिबान और अन्य पक्षों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं कि वे यूनिसेफ और हमारे सहयोगियों को जरूरतमंद बच्चों तक पहुंचने के लिए सुरक्षा प्रदान करे जिससे हम मुक्त होकर उनके पास पहुंच सके। 

 

 

 

 

इस साल 10 लाख बच्चे हो सकते हैं कुपोषित

यूनिसेफ का मानना है कि अफगानिस्तान में जो कुछ भी हो रहा है,  इस सबका खामियाजा बच्चों को उठाना पड़ेगा। इस साल लगभग दस लाख बच्चों के कुपोषित होने की भी संभावना है। खतरा यह है कि भोजन और इलाज के बिना उनकी जान जा सकती है। अनुमान है कि 4.2 मिलियन बच्चे स्कूल से बाहर हैं, जिनमें 2.2 मिलियन से अधिक लड़कियां शामिल हैं। लगभग 435,000 बच्चे और महिलाएं देश में ही विस्थापित हो चुके हैं। डब्ल्यूपीएफ के आंकड़ों के मुताबिक अफगानिस्तान में लगभग दो मिलियन बच्चे कुपोषण का शिकार हैं।  

 

 

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