संयुक्त राष्ट्र । आतंकवाद पर भारत ने पाकिस्तान पर निशाना साधते अफगानिस्तान को कहा है कि आतंकवाद की समस्या स्थानीय नहीं है। देश के भीतर हमले उसके पड़ोस में स्थित पनाहगाहों से किए जाते हैं यानि पाकिस्तान से किए जाते है,जिसने तालिबान नेताओं को शरण दे रखी है,
और जो लश्कर-ए-तैयबा तथा जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों के काले एजेंडे का समर्थन करता है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने अफगानिस्तान की स्थिति पर सुरक्षा परिषद में एक चर्चा के दौरान मंगलवार को कहा कि अफगान सरकार की सराहनीय शांति पेशकश के बावजूद गर्मियों में तालिबान के हमलों में कई लोगों की जान चली गई है। उन्होंने कहा कि यह हमले सुनियोजित होते हैं, और अफगानिस्तान के पड़ोस में मौजूद पनाहगाहों से किए जाते हैं।
इस मौके पर पाकिस्तान का नाम ना लेते हुए अकबरुद्दीन ने कहा कि अफगान पर हमला करने वाले आतंकवादियों का समर्थन करने वालों पर अंकुश नहीं लगाया गया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों के बावजूद अब भी इस देश हैं जो तालिबान,हक्कानी नेटवर्क,आईएस,अल-कायदा, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों के काले एजेंडे का समर्थन करने के लिए पनाहगाह उपलब्ध कर रहे हैं।
ऐसा ना हो कि हम भूल जाएं कि अफगानिस्तान में आतंकवाद की समस्या स्थानीय नहीं है। उन्होंने अफीम के कारोबार के सभी आयामों में तालिबान की संलिप्तता पर चिंता जताते हुए कहा कि यह महज राजनीतिक या आतंकवादी समस्या नहीं है बल्कि संगठित अपराध भी है। परिषद को चरमपंथ, आतंकवाद, मादक पदार्थ की खेती और अफगानिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों के गैरकानूनी दोहन के बीच संपर्कों से निपटने की जरुरत है।
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