केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बांस क्षेत्र से संबंधित विभिन्न विकासात्मक योजनाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए एक सलाहकार समूह के गठन को स्वीकृति प्रदान कर दी है। अनेक हितधारक इस सलाहकार समूह का प्रतिनिधित्व करेंगे, जिनमें शिक्षाविद, शोधकर्ता, नवप्रवर्तक, प्रगतिशील उद्यमी, डिजाइनर, किसान नेता, विपणन विशेषज्ञ एवं नीति निर्माता इत्यादि शामिल हैं। मंत्रालयों/विभागों की बांस योजनाओं को व्यवस्थित करने और बांस मूल्य श्रृंखला से संबंधित सभी वर्गों के बीच तालमेल स्थापित करके बांस क्षेत्र की विकासात्मक वास्तुकला को पुनर्जीवित करने में सहायता करने के उद्देश्य से अंतर-मंत्रालयी तथा सार्वजनिक-निजी परामर्श की परिकल्पना की गई है।
केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में पुनर्गठित राष्ट्रीय बांस मिशन (एनबीएम) को 2018-19 के दौरान प्रारंभ किया गया था। यह मिशन प्रमुख तौर पर रोपण सामग्री, वृक्षारोपण, संग्रह के लिए सुविधाओं का निर्माण, एकत्रीकरण, प्रसंस्करण, विपणन, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, कुशल श्रमशक्ति और ब्रांड निर्माण पहल के लिए योजनाओं के क्रियान्वयन से लेकर उत्पादकों को उपभोक्ताओं के साथ जोड़ने के लिए बांस क्षेत्र की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला के विकास पर क्लस्टर दृष्टिकोण मोड पर अपना ध्यान केंद्रित करता है। नीति, सुविधा एवं जागरूकता सृजन के माध्यम से हस्तक्षेप के माध्यम से बीते वर्षों में, बांस उद्योग संसाधन उपयोग के कई मार्ग खोले गए हैं, जो एक चरणबद्ध तरीके से परिवर्तन को दिखा रहा है। हाल ही में, प्रधानमंत्री ने बेंगलुरु (केम्पागौड़ा) हवाई अड्डे के नए टर्मिनल का उद्घाटन किया, जिसमें एक वास्तुशिल्प तथा संरचनात्मक सामग्री के रूप में बांस की बहुमुखी प्रतिभा साबित हुई है और इस हरित संसाधन की सम्पदा को ‘हरित इस्पात’ के रूप में परिभाषित किया गया है। निर्माण क्षेत्र में डिजाइन और संरचनात्मक तत्व के रूप में उपयोग करने के अलावा, बांस की क्षमता बहुआयामी है। बांस से बने पर्यावरण के अनुकूल ढाले जा सकने वाले दाने प्लास्टिक के उपयोग का स्थान ले सकते हैं। बांस अपनी तेज पैदावार व विकास दर और प्रचुरता के कारण इथेनॉल तथा जैव-ऊर्जा उत्पादन के लिए एक विश्वसनीय स्रोत है। बांस आधारित जीवन शैली उत्पादों, कटलरी, घरेलू सजावट, हस्तशिल्प और सौंदर्य प्रसाधनों का बाजार भी विकास के पथ पर है। राष्ट्रीय बांस मिशन इस आगे बढ़ते क्षेत्र के लाभों को किसानों और राष्ट्र के मानवीय संसाधनों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा है।
विषय विशेषज्ञ और अन्य हितधारक जो बांस क्षेत्र में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं, वे ध्यान केंद्रित किए जाने वाले क्षेत्रों के साथ-साथ क्षेत्र के अन्य हितधारकों के साथ समन्वय में किए जाने वाले नीतिगत हस्तक्षेपों के बारे में सलाह देंगे। केंद्रीय कृषि सचिव राष्ट्रीय बांस मिशन के अध्यक्ष और मिशन निदेशक समिति के संयोजक होंगे। समिति के सदस्य कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को प्रचार, बांस के रोपण और इंटरक्रॉपिंग, प्राथमिक प्रसंस्करण, उत्पाद विकास, मूल्यवर्धन, बाजार के बुनियादी ढांचे और संयोजन, प्रसंस्करण मशीनरी, कौशल विकास आदि से जुड़े मुद्दों तथा इस्तेमाल होने वाली प्रौद्योगिकियों पर सलाह देंगे।
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