अदनान सामी, ‘द वॉयस’ के कोच, का इंटरव्यू

शो ‘द वॉयस’ के बारे में कुछ बताएं?

‘द वॉयस’ को चार बार एमी अवार्ड मिले हैं, अंतर्राष्ट्रीय समीक्षकों की सराहना और दुनिया के 180 देशों में सफलता के साथ यह शो दुनिया पर छा गया और अब यह स्टारप्लस पर भारत में आ रहा है, ताकि श्रेष्ठतम आवाज को ढूंढ सके। यह शो शारीरिक दिखावट, पृष्ठभूमि, धर्म, लिंग की बाधाओं को तोड़कर भारत की उभरती गायन प्रतिभा को केवल आवाज के आधार पर मंच प्रदान करेगा। यह शो सामान्य प्रतिभा को ढूंढने, कोचों की संरक्षण में उन्हें निखारने और सर्वश्रेष्ठ ‘आवाज’ बनने की क्षमता तक पहुँचाने की यात्रा है। यह मंच प्रतिभाओं को अपने सपने के कोचेज के साथ काम करने का मौका देता है, जो कि किसी भी महत्वाकांक्षी गायक के लिये अनूठा अवसर है। इस शो के इतिहास में पहली बार फॉर्मेट में सुपर गुरू का कॉन्सेप्ट आया है और ए. आर. रहमान अपना जादू बिखेरेंगे। कोचेज के रूप में मेरे साथ देश के लोकप्रिय गायक होंगे, जैसे हर्षदीप कौर, कनिका कपूर और अरमान मलिक।

 

द वॉयस में कोच बनने का निर्णय आपने कैसे लिया?

एक कोच के तौर पर मैं इस शो का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूँ, क्योंकि इसमें प्रतियोगी की आवाज पर जोर दिया जाता है। ‘ब्लाइंड ऑडिशंस’ का कॉन्सेप्ट बहुत खोजपरक है, जिसमें प्रतियोगी को देखा नहीं जाता है, केवल सुना जाता है और आवाज अच्छी लगने पर हमारी कुर्सी घूमती है। द वॉयस प्रतियोगियों के लिये अपनी प्रतिभा दिखाने और छाप छोड़ने का उत्कृष्ट मंच है।

 

क्या आप बता सकते हैं कि कोच के तौर पर आप शो में क्या करेंगे?

कोच के तौर पर मैं प्रतियोगियों को निखारूंगा और गायक के तौर पर अपनी क्षमता को उभारने में उनकी मदद करूंगा। मैं केवल म्यूजिक कोच नहीं रहूंगा, बल्कि प्रतियोगियों के लिये लाइफ कोच बनूंगा और उन्हें प्रेरित रखने के लिये अपने जीवन के अनुभवों से सिखाऊंगा, जिनमें कभी हार न मानने वाली कहानियाँ हैं। सभी कोचेज में, मैं एक सरप्राइज पैकेज का काम करूंगा और शो को बहुत सारा म्यूजिक इनपुट दूंगा, जैसे वाद्य यंत्र बजाना और तकनीकी टिप्पणी करना।

 

अब आपने टेलीविजन को क्यों चुना है?

मैं हमेशा ऐसे अवसरों की खोज में रहता हूँ, जो उभरते गायकों के लिये आगे आकर अपनी आवाज सुने जाने के लिये मंच देते हैं। द वॉयस मेरी इन अपेक्षाओं पर खरा है। इस शो का कॉन्सेन्ट दिलचस्प है, जिसमें केवल आवाज के आधार पर संगीत जगत का नया शाहकार ढूंढा जाता है, बिना किसी बाधा के, इस प्रकार यह अनूठा है और प्रतिभा खोजने का सही तरीका भी।

 

द वॉयस अन्य सिंगिंग रियलिटी शोज से अलग कैसे है?

द वॉयस की चयन प्रक्रिया अलग है। सबसे रोचक है ब्लाइंड ऑडिशंस। अन्य रियलिटी शोज से विपरीत, द वॉयस में प्रतियोगियों का चयन करते समय हम उन्हें देखते नहीं है, केवल उनकी आवाज सुनते हैं। मुझे लगता है कि यह सबसे महत्वपूर्ण भाग है, क्योंकि हमें प्रतियोगी की दिखावट, जाति, वंश, पृष्ठभूमि, आदि का पता नहीं रहता है। केवल आवाज का महत्व होता है। प्रतियोगी को बिना देखे सुनने का आइडिया मुझे अच्छा लगा। मुझे लगता है कि आवाज ही भगवान का आशीर्वाद और उपहार है, अन्य चीजें तो सिखाई जा सकती हैं। एक कोच के तौर पर मैं प्रतियोगियों का निखार सकता हूँ, ताकि वह अपनी ताकतों पर काम करें और संपूर्ण पैकेज बन जाएं। मुझे यह भी पसंद है कि इस शो में कोई जज नहीं है, केवल कोच हैं, जो प्रतियोगियों के विकास के लिये तकनीकी जानकारी और कुशलता देंगे।

 

एक रियलिटी शो को जज करना कितना चुनौतीपूर्ण है? आप रोमांचित हैं या नर्वस?

मैं इस शो में कोच बनकर बहुत रोमांचित हूँ। इस शो में बेजोड़ प्रतिभाएं हैं और इस मंच पर उन्हें सुनना और गायक बनने में उनकी मदद करना अच्छा होगा। एक कोच के तौर पर मैं मार्गदर्शन करूंगा, अपने अनुभवों के आधार पर प्रतियोगियों को फीडबैक और सुझाव दूंगा और उनकी संगीत यात्रा को आसान बनाऊंगा।

 

सुपर गुरू ए. आर. रहमान के साथ बैठना कैसा लगता है?

ए. आर. रहमान के साथ काम करना सौभाग्य की बात है और मैं पहली बार उन्हें सुपर गुरू के रूप में देख रहा हूँ। वह भी महत्वपूर्ण फीडबैक और सुझाव देंगे, जो प्रेरक होंगे। संगीत निर्माण की प्रक्रिया के बारे में उनका ज्ञान और उनकी व्यक्तिगत जीवन बदलने की कहानियाँ बेमिसाल हैं।

 

अन्य कोचों के साथ आपके सम्बंध कैसे हैं?

हमारे सम्बंध बहुत अच्छे हैं और यह शो में भी स्पष्ट होता है। इस शो में विभिन्न प्रकार के संगीतकार हैं, जिनमें अनूठापन है। प्रत्येक कोच अलग स्कूल से आता है और अपनी शैली का महारथी है। सभी कोच बेहतरीन हैं, जिन्हें संगीत का गहन अनुभव है और सभी अत्यंत सफल भी हैं।

 

शो में कैसी आवाज आपको आकर्षित करेगी?

मैं किसी खास आवाज की तलाश में नहीं हूँ। जो आवाज मेरे दिल को छू जाएगी, उसी के लिये मेरी कुर्सी घूमेगी। यदि आवाज की गुणवत्ता अच्छी है, तो बाकी चीजें सिखाई जा सकती हैं।

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