इंदौर, फरवरी 2018: इस साल को शिर्डी में सांई बाबा के समाधि लेने की यादगार घटना के 100 वर्ष पूरा होने के रूप में चिन्हित किया गया है। पिछले 100 सालों में, उनका संप्रदाय कई गुना बढ़ गया है और उनके संदेश व शिक्षा ने उनके लाखों अनुयायियों को शांति प्रदान की है।
सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के ‘‘मेरे सांई’’ ने एक समाविष्ट करने वाले स्क्रीनप्ले के प्रारूप में सांई की जिंदगी के सफर की अपने बेहद रिसर्च की गई और यथार्थ कहानी के लिए, बेहद कम समय में बहुत ज्यादा प्रसिद्धि हासिल कर ली है और देशभर में कईयों के जिंदगियों को छुआ है। आने वाले एपिसोड्स में सांई बाबा की लीला की दिल को सबसे ज्यादा छूने वाली कहानियों में से एक को दर्शाया जाएगा, जिसमें ये संत अपने श्रद्धा और सबुरी की सीखों से, अपने बेटे और परमेश्वर में अपनी निष्ठा खोने वाली परेशान मां, सुहासिनी की जिंदगी में एक सकारात्मक बदलाव लेकर आएंगे।
सांई की शिक्षा का जश्न मनाने के लिए, ‘‘मेरे सांई की यात्रा’’ के साथ, प्रमुख एक्टर्स सांई (अबीर सूफी) और कुलकर्णी (वैभव मांगले) छतरी बाग, इंदौर में प्रसिद्ध सांई बाबा मंदिर में दर्शन करने के लिए गए। इस यात्रा के पहले पड़ाव की शुरुआत शिर्डी में दर्शन करने से हुई थी और इसके बाद दिल्ली के लोधी रोड में प्रसिद्ध शिर्डी मंदिर में दर्शन किए गए। यह टीम इंदौर में तीसरे मंदिर के दर्शन कर रही है। चूंकि गुरुवार को सांई दिवस के रूप में माना जाता है, इसलिए सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन में हर गुरुवार को खास ‘‘सांई वार’’ होता है।
आने वाले एपिसोड्स में, दर्शकों देखेंगे कि सुहासिनी (सुप्रिय पिलगांवकर द्वारा अभिनीत) शिर्डी आई हैं। अपने युवा बेटे को खोने की दुर्घटना के कारण, परमेश्वर की ओर उसका नजरिया और उसके कर्म बदल गए हैं और सांई बाबा उसके क्रोध और कड़वाहट के आवेग का सामना करते हैं। अपने सरल स्वभाव और शांतिचित्त आचरण से, सांई बाबा सभी में अच्छाई और करुणा का प्रचार करते हैं और सुहासिनी की क्षति और उसकी पीड़ा के बारे में जानने के बाद, सांई दूसरों की मदद करने के आनंद को पुनरू खोजने में उसकी मदद करते हैं और उसकी जिंदगी खुशियों से भर देते हैं।
दर्शक अपने पसंदीदा अभिनेताओं अबीर सूफी और वैभव मांगले को अपने सामने पाकर उत्साह और आदर से भर गए थे।
अबीर सूफी ने कहा, “सांई को हमेशा से ही अपनी आध्यात्मिक शिक्षा के लिए जाना गया है जिसने दुनिया भर में लाखों जिंदगियों को प्रेरित किया और उन्हें छुआ है। यह इंदौर का मेरा पहला दौरा था और देश के सबसे साफ शहर आना एक समृद्ध अनुभव है। इंदौर में मेरे कई दोस्त और रिश्तेदार हैं और उनसे मिलना भी बहुत आनंददायक अनुभव था। वैभव और मैं दोनों ने इंदौर घूमकर और कई सारे स्वादिष्ट पकवान खाकर बहुत अच्छा समय बिताया।”
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