कप्तान बनना एक शानदार एहसास : आशालता

यंगून। भारतीय महिला फुटबाल टीम की कप्तान आशालता देवी ने कहा है कि टीम का नेतृत्व करना उनके लिए एक शानदार एहसास है। भारतीय टीम को पहले दौर के अंतिम मुकाबले में मेजबान म्यांमार के खिलाफ 1-2 से हार का सामना करना पड़ा। लेकिन नेपाल से 1-1 से ड्रॉ खेलने और बांग्लादेश को 7-1 से हराने के कारण भारतीय टीम पहली बार 2020 एएफसी महिला ओलम्पिक क्वालीफायर के दूसरे दौर में पहुंचने में सफल रही है। वर्ष 2011 में भारतीय फुटबाल टीम में पदार्पण करने वाली आशालता पहली भारतीय कप्तान बन गई हैं जिनकी कप्तानी में भारत ने ओलम्पिक क्वालीफायर के दूसरे दौर में अपना स्थान पक्का किया है।

यह मेरे लिए पूरी तरह से एक सुनहरा अवसर है। टीम का कप्तान बनने के बाद से मैं खुश और उत्साहित हूं। साथ ही मैं इस चीज को लेकर नर्वस भी थी कि मैं कैसे टीम का मार्गदर्शन करूंगी।

25 वर्षीय आशालता ने 18 साल की उम्र में वर्ष 2011 में भारतीय टीम में पदार्पण किया था। उन्होंने कहा, टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो यहां सीनियर हैं और इसमें युवा खिलाड़ी भी हैं। मेरी सभी टीम साथी मेरी मदद करती हैं। कुल मिलाकर यह एक शानदार अनुभव है। मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे टीम का मार्गदर्शन करने का अवसर प्राप्त हुआ।

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