आरव चौधरी उर्फ इंद्रमित्र ने ‘आरम्भ-कहानी देवसेना की’ का खुलासा किया

आरव चौधरी उर्फ इंद्रमित्र ने ‘आरम्भ-कहानी देवसेना की‘ के लिए इंदौर का दौरा किया् l 

‘आरम्भ -कहानी देवसेना की‘, ‘बाहुबली‘, ‘बजरंगी भाईजान‘ और बाहुबली 2 ‘ के लेखक के. वी. विजयेन्द्र प्रसाद द्वारा लिखा गया एक भव्य ड्रामा है। इस शो की कहानी में देवसेना की यात्रा का वर्णन किया गया है, जोकि अपने लोगों को सशक्त बनाने वाली योद्धा राजकुमारी है, तथा प्यार एवं धोखे की सभी लड़ाईयां लड़ती है। इस शो की कहानी दो सभ्यताओं के बीच होने वाले टकराव को बयां करती हैं, जिसकी शुरूआत अस्तित्व से संबंधित दो अलग-अलग जरूरतों के कारण होती है; इसमें से एक सभ्यता उस चीज को पाना चाहती है, जो दूसरे के पास है तो वहीं दूसरी सभ्यता अपनी धरोहर को बचाने के लिए युद्ध करती है।

सप्त सिंधु की स्थापना के बीच, फिक्शन का यह कार्य महारानी देवसेना की कहानी को जीवंत करेगा, जो अपने लोगों के दिलों एवं यादों में एक योद्धा, न्यायप्रिय अगुवा और अपने जमाने की सबसे खूबसूरत महिला के रूप में पीढ़ियों तक राज करेगी। देवसेना द्रविड़गाम के मातृसत्तात्मक साम्राज्य की उत्तराधिकारी है। वह अजेय है।

ऐसे युग में जब उसके कुल ने अपनी ज्यादातर भूमि दूसरे पितृसत्तात्मक सभ्यता को गंवा दी थी, तब देवसेना के कंधों पर अपने साम्राज्य को वापस पाने और नुकसान की भरपाई करने की जिम्मेदारी आ जाती है। उसकी कोई आकांक्षा नहीं थी और उसका दिल सोने का था। दर्शक राजकुमारी को महारानी में तब्दील होते देखेंगे जो अपने दुश्मनों को हराती है और शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक ताकत के साथ अपनी बुद्धिमानी, समझदारी से अपनी भूमि को वापस जीतती है।

एक विभाजित संसार में, पितृसत्तात्मक सभ्यता तब तक विश्राम नहीं करती है जब तक कि वे द्रविडगाम की पूरी जमीन पर कब्जा नहीं कर लेते। दर्शकों को जल्द ही अमरावती के अध्यात्मिक गुरू इंद्रमित्र को देखने का अवसर मिलेगा, जिसकी भूमिका आरव चैधरी ने निभाई है। इंद्रमित्र अग्निमित्र का वंशज है, जिसने वरुणदेव को सप्त सिंधु की समृद्ध भूमि को जीतने के लिए भेजा है। वह एक बेहद पढ़ा-लिखा इंसान है जिसका अपने कुल और उनकी भलाई पर पूरा नियंत्रण है। उसे अपने मूल्यों एवं परंपरा पर अत्यंत गर्व है और वह भावी पीढ़ियों में भी इसे बढ़ावा देता है।

अपने कुल का पथप्रदर्शक होने के नाते, इंद्रमित्र का मिशन उसके गहन मूल्यों के साथ समूचे भारतीय उपमहाद्वीप को रोशन करना और इसे देश के कोने-कोने में फैलाना है। वह अत्यंत महत्वाकांक्षी इंसान है। उसके लोगों की बेहतरी के लिए ताकत के प्रति उसकी तलाश कभी खत्म नहीं होती। वह अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए समय-समय पर अपनी विशेष शक्तियों का प्रयोग करता रहता है।

सप्ताहांत में प्रसारित होने वाले इस शो में आरव चैधरी की वापसी हो रही है, जिन्हें महाभारत में भीष्म की भूमिका के लिए काफी सराहा गया था। बाॅलीवुड और दक्षिण में कई फिल्मों के साथ ही टीवी सीरियल में काम कर चुके आरव चैधरी ‘आरम्भ-कहानी देवसेना की‘ में अपने नये अवतार को लेकर बहुत उत्साहित हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इंद्रमित्र के किरदार में नकारात्मक पहलू हैं और हर एपिसोड में उसकी नई परत सामने आयेगी। दूरदर्शी गोल्डी बहल एवं केवी विजयेन्द्र प्रसाद के साथ काम करके बहुत अच्छा लग रहा है। मैं वाकई में दर्शकों की प्रतिक्रिया देखने का इंतजार कर रहा हूं जब वे मुझे एकदम नये अवतार में देखेंगे।‘‘ इस शहर में अपने अनुभव के विषय में उन्होंने कहा, ‘‘मेरे कुछ दोस्त हैं, जो इंदौर आ चुके हैं और वे यहां के लोगों, खाने और शहर के पर्यटन गंतव्यों के बारे में शानदार कहानियों को लेकर साथ लौटे थे। मैं बेहद खुश हूं कि मैं इस शहर में आया और यहां के लोगों से मुझे मिलने और बात करने का मौका मिला। वे लोग बहुत ही सरल हैं और मेरे जैसे फूडी के लिये तो यह शहर पूरी तरह से आनंद देने वाला है।’’

‘आरम्भ – कहानी देवसेना की‘ में मानवीय भावनाओं के सभी पहलुओं को दिखाया गया है। इसमें प्यार, ईष्र्या, गर्व, घृणा, लालच आदि जैसे सभी रंग देखने को मिलेंगे। इसलिए यह शो दर्शकों को उनके टेलीविजन सेट से बांधकर रखने तथा और देखने की चाहत पैदा करने के लिए तैयार है।

इंद्रमित्र से मिलिये ‘आरम्भ-कहानी देवसेना की‘ में, 29 जुलाई से प्रत्येक शनिवार और रविवार, रात 9.30 बजे सिर्फ स्टार प्लस पर

 

 

 

 

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