नई दिल्ली: आधार को पैन या मोबाइल सिम से लिंक करवाने को लेकर भले ही आलोचनाएं जारी हों लेकिन सरकार आधार से विभिन्न सेवाओं और योजनाओं को लिंक करवाने की अपने फैसलों में ढील बरतने के मूड में कतई नहीं दिख रही है. यदि आपने किसी भी निजी या सरकारी कंपनी से बीमा करवाया हुआ है तो अब आपको इनसे आधार भी लिंक करवाना होगा.
आइए जानें पूरा मामला, 5 बिन्दुओं में…
- बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने हाल ही में कहा है कि आधार को बीमा पॉलिसियों से जोड़ना अनिवार्य है. नियामक ने बीमा कंपनियों से नियमों का अनुपालन करने को कहा है. आईआरडीएआई ने हालांकि मौजूदा पॉलिसी के लिए आधार संख्या जोड़ने की समय सीमा के बारे में नहीं बताया.
- इरडा ने बयान मे कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग रोधक (रिकार्ड का रखरखाव) दूसरा संशोधन नियम, 2017 के तहत आधार नंबर को बीमा पालिसियों से जोड़ना अनिवार्य है. बीमा और सभी मौजूदा बीमा पॉलिसी समेत अन्य वित्तीय सेवा के उपयोग के लिए संशोधित नियम के आधार पर आधार संख्या, पैन नंबर को पॉलिसी से जोड़ना होगा.
- इरडा ने सभी जीवन बीमा और साधारण बीमा कंपनियों को भेजी सूचना में कहा है कि उन्हें इस निर्देश का क्रियान्वयन बिना विलंब के करना होगा. इस सर्कुलर के बाद मोटर बीमा धारकों को अपने वाहन बीमा पॉलिसी को आधार से जोड़ना होगा, जिनकी संख्या काफी ज्यादा है.
- आईआरडीएआई ने सभी बीमाधारकों को उनके जीवन या गैर जीवन बीमा पॉलिसी को आधार संख्या के साथ जोड़ना अनिवार्य किया है. यानी, पॉलिसी चाहे लाइफ इंश्योरेंस हो या कोई और, आधार लिंक करना ही होगा.
- आईआरडीएआई ने एक सर्कुलर में कहा है कि धन-शोधन (रिकार्ड का रखरखाव) दूसरा संशोधन नियम 2017 के अंतर्गत जीवन, गैर-जीवन और स्वास्थ्य बीमा धारकों को उनके बीमा पॉलिसी को आधार के साथ जोड़ना अनिवार्य कर दिया गया है.
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