न्यूज़ डेस्क : नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने बुधवार को बताया कि इस साल सितंबर में कुल 39.43 लाख घरेलू यात्रियों ने हवाई यात्रा की, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 66 फीसदी कम है। वहीं जुलाई और अगस्त में क्रमशः 21.07 लाख और 28.32 लाख लोगों ने हवाई यात्रा की।
डीजीसीए द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, इंडिगो ने सितंबर में 22.66 लाख यात्रियों को सेवाएं दी, जो कुल घरेलू बाजार का 57.5 फीसदी हिस्सा है। स्पाइसजेट ने 5.3 लाख यात्रियों को सेवाएं प्रदान की, जो कुल बाजार का 13.4 फीसदी हिस्सा है। सितंबर में एयर इंडिया, एयर एशिया इंडिया, विस्तारा और गोएयर से क्रमश: 3.72 लाख, 2.35 लाख, 2.58 लाख और 2.64 लाख यात्रियों ने सफर किया।
छह प्रमुख भारतीय एयरलाइनों की ऑक्यूपेंसी दर या लोड फैक्टर सितंबर में 57 से 73 फीसदी के बीच था। इस संदर्भ में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कहा कि, ‘सितंबर 2020 में लोड फैक्टर कारक में लॉकडाउन के खुलने के बाद बढ़ती मांग के कारण कुछ सुधार आया है।’
नियामक ने कहा कि स्पाइसजेट की ऑक्यूपेंसी दर सितंबर में 73 फीसदी थी। इस बीच, अन्य प्रमुख एयरलाइंस विस्तारा, इंडिगो, एयर एशिया इंडिया, एयर इंडिया और गोएयर के लिए अधिभोग दर डीजीसीए के अनुसार क्रमशः 66.7 फीसदी, 65.4 फीसदी, 58.4 फीसदी, 57.9 फीसदी और 57.6 फीसदी रही।
मालूम हो कि भारत ने कोरोना वायरस महामारी के कारण दो महीने के अंतराल के बाद 25 मई को घरेलू यात्री उड़ानों को फिर से शुरू किया गया। भारतीय एयरलाइंस को पूर्व कोविड-19 घरेलू उड़ानों का अधिकतम 60 फीसदी संचालन करने की अनुमति है। इस साल जून में कुल 19.84 लाख यात्रियों ने घरेलू यात्रा की। डीजीसीए ने कहा कि 25 मई से 31 मई के बीच 2.81 लाख हवाई यात्रियों ने घरेलू यात्रा की थी।
डीजीसीए के आंकड़ों में उल्लेख किया गया है कि सितंबर में एयर एशिया इंडिया ने चार मेट्रो हवाई अड्डों- बंगलूरू, दिल्ली, हैदराबाद और मुंबई में 98.4 फीसदी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। नियामक ने कहा कि इंडिगो और विस्तारा इन चार हवाई अड्डों पर क्रमश: 98.2 फीसदी और 95.5 फीसदी प्रदर्शन के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर थे।
कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर भारत और अन्य देशों में लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों के कारण विमानन क्षेत्र काफी प्रभावित हुआ है। भारत में सभी एयरलाइंस ने कॉस्ट में कटौती के उपाय किए हैं, जैसे कि वेतन में कटौती, कर्मचारियों को बिना वेतन के छुट्टी दी गई और कुछ को नौकरी से भी निकाला गया।
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