नई दिल्ली। उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने को लेकर मची होड़ के बीच नैक ( राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) ने विश्वविद्यालयों और कालेजों के मूल्यांकन का नया फार्मूला बनाने के संकेत दिए है। जो विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप होगा। फिलहाल नैक ने इसे लेकर तैयारी शुरु कर दी है। माना जा रहा है कि अगले साल से विश्वविद्यालयों और कालेजों का मूल्यांकन नए फार्मूले से ही होगा।
अगले साल से नए फार्मूले से शुरु हो सकता है मूल्यांकन
ध्यान रहे कि विश्वविद्यालयों और कालेजों के मूल्यांकन के नैक के मौजूदा फार्मूले पर सवाल उठ रहे है। दरअसल देश के कई ऐसे संस्थान है, जिन्हें नैक ने अपने मूल्याकंन में ए-प्लस कैटेगरी में रखा था, लेकिन विश्वस्तरीय रैकिंग में वह कोई जगह नहीं बना पाए। वहीं जिन विश्वविद्यालयों और कालेजों को कम आंका गया था, वे विश्वस्तरीय रैकिंग में अपनी अच्छी मौजूदगी दर्ज कराई।
सूत्रों के मुताबिक मूल्यांकन के इस फार्मूले में नैक जिन विषयों को प्रमुखता से शामिल कर सकता है, उनमें उनके शैक्षणिक प्रदर्शन, शोध और विदेशी छात्रों की अध्ययन का पैमाना होगा। जबकि मौजूदा समय में नैक के मूल्यांकन का आधार इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर ज्यादा था। चूक यहीं हो रही थी।
Comments are closed.