चंडीगढ़। पढ़ी-लिखी पंचायतों के गठन के बाद अब हरियाणा में पंचायती राज सिस्टम को और पावरफुल बनाने की तैयारी है। पंचायतों की कमाई बढ़ाने के लिए जहां करों से मिलने वाली आय और सेस में उनका हिस्सा निर्धारित किया जाएगा, वहीं आय का स्थायी जरिया बनाने के लिए प्रोजेक्ट लगवाए जाएंगे। इसकी मॉनीटङ्क्षरग खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल करेंगे।
आय का स्थायी जरिया बनाने के लिए जिला परिषदें लगाएंगी अपने प्रोजेक्ट
मुख्यमंत्री हर छह महीने में विकास एवं पंचायत मंत्री, जिला परिषदों के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बैठ कर कामकाज की समीक्षा करते हुए बेहतरी के टिप्स देंगे। इसके अलावा हर तीन महीने में एक बार पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव जिप अध्यक्षों के साथ बैठक कर जिला पंचायतों के समक्ष आ रही मुश्किलों का हल ढूंढ़ेंगे। साथ ही आगे की रूप रेखा तय करेंगे। जिप अध्यक्षों और सीईओ को अपडेट करने के लिए सामूहिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का पूरा शेड्यूल तैयार है।
हिमाचल प्रदेश के टिंबर ट्रेल में हाल ही संपन्न तीन दिन के चिंतन शिविर में पंचायतों की पावर बढ़ाने के तरीकों पर खासा मंथन हुआ। पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने जिला परिषदों, पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों के दायरे में विकास की गति तेज करने के लिए पंचायतों को करों और सेस से होने वाली आय में कुछ हिस्सा देने का प्रस्ताव रखा। इस पर मुख्यमंत्री ने भी सकारात्मक रुख दिखाया। जल्द ही इस पर कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
शुरुआती चरण में छोटे प्रोजेक्ट
पंचायतों की आय बढ़ाने के लिए प्रोजेक्ट लगाने की योजना है जिन्हें जिला और ग्राम पंचायतें चलाएंगी। शुरुआती चरण में छोटे-छोटे प्रोजेक्ट लगाने का प्रस्ताव है ताकि पंचायतों का आत्मविश्वास बढ़ाते हुए व्यावहारिक दिक्कतों को दूर किया जा सके। इसके बाद बड़े प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे।
चंडीगढ़, [सुधीर तंवर]। पढ़ी-लिखी पंचायतों के गठन के बाद अब हरियाणा में पंचायती राज सिस्टम को और पावरफुल बनाने की तैयारी है। पंचायतों की कमाई बढ़ाने के लिए जहां करों से मिलने वाली आय और सेस में उनका हिस्सा निर्धारित किया जाएगा, वहीं आय का स्थायी जरिया बनाने के लिए प्रोजेक्ट लगवाए जाएंगे। इसकी मॉनीटङ्क्षरग खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल करेंगे।
आय का स्थायी जरिया बनाने के लिए जिला परिषदें लगाएंगी अपने प्रोजेक्ट
मुख्यमंत्री हर छह महीने में विकास एवं पंचायत मंत्री, जिला परिषदों के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बैठ कर कामकाज की समीक्षा करते हुए बेहतरी के टिप्स देंगे। इसके अलावा हर तीन महीने में एक बार पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव जिप अध्यक्षों के साथ बैठक कर जिला पंचायतों के समक्ष आ रही मुश्किलों का हल ढूंढ़ेंगे। साथ ही आगे की रूप रेखा तय करेंगे। जिप अध्यक्षों और सीईओ को अपडेट करने के लिए सामूहिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का पूरा शेड्यूल तैयार है।
हिमाचल प्रदेश के टिंबर ट्रेल में हाल ही संपन्न तीन दिन के चिंतन शिविर में पंचायतों की पावर बढ़ाने के तरीकों पर खासा मंथन हुआ। पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने जिला परिषदों, पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों के दायरे में विकास की गति तेज करने के लिए पंचायतों को करों और सेस से होने वाली आय में कुछ हिस्सा देने का प्रस्ताव रखा। इस पर मुख्यमंत्री ने भी सकारात्मक रुख दिखाया। जल्द ही इस पर कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
शुरुआती चरण में छोटे प्रोजेक्ट
पंचायतों की आय बढ़ाने के लिए प्रोजेक्ट लगाने की योजना है जिन्हें जिला और ग्राम पंचायतें चलाएंगी। शुरुआती चरण में छोटे-छोटे प्रोजेक्ट लगाने का प्रस्ताव है ताकि पंचायतों का आत्मविश्वास बढ़ाते हुए व्यावहारिक दिक्कतों को दूर किया जा सके। इसके बाद बड़े प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे।
दो साल में तैयार होंगे 72 हजार स्वयं सेवक
पंचायतों में आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूहों के जरिये ग्रामीण युवाओं को काम दिलाने का लक्ष्य है। दो साल में 72 हजार स्वयं सेवक तैयार किए जाएंगे जिन पर गांवों में पौधरोपण, स्वच्छता जैसे सामाजिक सरोकारों की जिम्मेदारी होगी। वर्ष 2022 तक ‘संकल्प से सिद्धि नवभारत निर्माण’ के विजन को साकार करने का पूरा दारोमदार युवाओं के कंधे पर रहेगा।
पंचायतों में आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूहों के जरिये ग्रामीण युवाओं को काम दिलाने का लक्ष्य है। दो साल में 72 हजार स्वयं सेवक तैयार किए जाएंगे जिन पर गांवों में पौधरोपण, स्वच्छता जैसे सामाजिक सरोकारों की जिम्मेदारी होगी। वर्ष 2022 तक ‘संकल्प से सिद्धि नवभारत निर्माण’ के विजन को साकार करने का पूरा दारोमदार युवाओं के कंधे पर रहेगा।
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