नई दिल्ली। वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म की घटना (16 दिसंबर 2012) के बाद केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए राज्यों को दिए जाने वाले निर्भया फंड का किसी भी राज्य में सदुपयोग नहीं हो पा रहा है। हर साल सलाना बजट में सभी राज्यों को करोड़ों रुपये दिए जाते हैं, जिसमें से काफी पैसा वापस केंद्र को लौटा दिया जाता है।
दिल्ली की बात करें तो केंद्र सरकार दिल्ली पुलिस व दिल्ली सरकार को निर्भया फंड में सबसे ज्यादा पैसे देती है। दिल्ली पुलिस को वित्तीय वर्ष 2014-2015 में 3 करोड़ रुपये मिले, जिसमें से 2 करोड़ 35 लाख 32000 रुपये ही वह महिला सुरक्षा पर खर्च कर पाई।
वित्तीय वर्ष 2015-2016 में 2 करोड़ 60 लाख रुपये दिए गए, जिसमें से एक करोड़ 96 लाख 68000 रुपये खर्च हुए। वित्तीय वर्ष 2016-2017 में दिल्ली पुलिस को तीन करोड़ 40 लाख रुपये दिए गए, जिसमें से वह तीन करोड़ 39 लाख 29000 रुपये खर्च कर पाई।
वित्तीय वर्ष 2017-2018 में हर बार से ज्यादा बजट मिला, जिसमें अब तक दिल्ली पुलिस महिलाओं की सुरक्षा के मसले पर 4 करोड़ 36 लाख 12000 रुपये खर्च कर चुकी है।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक निर्भया फंड के पैसे से महिलाओं को जागरूक करने संबंधी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
आत्मरक्षा कोर्स में पैसे खर्च किए जाते हैं। सभी जिले को बजट दिया जाता है। काफी पैसा खर्च करने के बावजूद लाखों रुपये बच जाते हैं, जिसे बाद में पुलिस विभाग को लौटाना पड़ता है। जागरूकता कार्यक्रमों का ज्यादा फायदा नहीं दिख रहा है। दिल्ली में दुष्कर्म व छेड़छाड़ की घटनाएं बढ़ रही हैं।
दिल्ली सरकार को मिलने वाले निर्भया फंड से दुष्कर्म व तेजाब पीड़िता को मुआवजा दिया जाता है। दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने के तुरंत बाद दिल्ली सरकार के दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण से 25 हजार रुपये दिए जाते हैं।
इसके बाद कोर्ट पूरे मामले को देखकर यह निर्णय लेती है कि किस पीड़िता को कितनी रकम मिलनी चाहिए। कोर्ट के निर्देश पर दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण पीड़िता को दो लाख से पांच लाख रुपये तक मुआवजा देता है।
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