IAS कासनी को चार माह से वेतन नहीं मिला, बोले- पता नहीं सरकार ऐसा क्‍यों कर रही मेरे साथ

चंडीगढ़। हरियाणा के सीनियर आइएएस अधिकारी प्रदीप कासनी को अपना वेतन हासिल करने के लिए भी सरकार से जूझना पड़ रहा है। लैंड यूज बोर्ड के ओएसडी के रूप में तैनात कासनी को इस बार नवंबर माह का वेतन भी नहीं मिला। उन्हें बिना वेतन के चार माह हो गए मगर सरकार ने चुप्पी साधी हुई है। अब वह एक बार फिर सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) की शरण में हैं। वह आज फिर कैट में अर्जी देंगे। 70 बार तबादला झेल चुके कासनी का कहना है, समझ में नहीं आ रहा है कि सरकार मेरे साथ ऐसा क्‍यों कर रही है।

कैट और मुख्य सचिव के यहां दस्तक देने के बावजूद अभी तक कासनी को वेतन नहीं मिल पाया। इसी कारण वह एक बार फिर कैट में अपील करने की तैयारी में हैं। कैट सरकारी अधिकारियों से जुड़े विवादों की सुनवाई करता है। यह मामला सुर्खी में आने के बाद भी हरियाणा सरकार ने कासनी का वेतन जारी नहीं किया है।

कैट हालांकि फाइनल अथॉरिटी नहीं है, लेकिन उसकी डायरेक्शन को आधार बनाकर किसी भी मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पैरवी की जा सकती है। 1997 बैच के आइएएस कासनी के अब तक 70 तबादले हो चुके हैं। 28 फरवरी 2018 को उनकी रिटायरमेंट है। सरकार ने उन्हें जब से लैंड यूज बोर्ड का ओएसडी बनाया है, तब से उन्हें वेतन नहीं मिला है।

लैंड यूज बोर्ड पहले पर्यावरण विभाग और बाद में कृषि विभाग के अधीन कार्य करता था, मगर दोनों विभागों के अधिकारियों को बोर्ड की मौजूदा स्थिति के बारे में कुछ पता नहीं है। बोर्ड का कोई दफ्तर भी नहीं है। कासनी ने जब इसका विरोध किया तो चंडीगढ़ के सेक्टर 17 स्थित सचिवालय की तीसरी मंजिल पर उन्हें कमरा अलॉट कर दिया गया है।

सरकार ने कासनी को कमरा तो दे दिया, लेकिन इस कमरे को खोलने या बंद करने वाला स्टाफ, काम करने वाले सहयोगी और कमरे में बैठने के लिए कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है। कासनी गाड़ी से भी वंचित हैं। कासनी की पत्नी नीलम प्रदीप कासनी हरियाणा के राज्यपाल की एडीसी रह चुकी हैं।

कासनी बोले, वकीलों के कहने पर मैैंने किया सरकार का इंतजार
प्रदीप कासनी के अनुसार मैैं समझ नहीं पा रहा हूं कि सरकार मेरे साथ ऐसा क्यों कर रही है। मुझे अभी तक वेतन नहीं मिला। चार माह होने वाले हैैं। मैैंने अपने वकील से चर्चा की है। उन्होंने पहली दिसंबर तक नवंबर माह के वेतन का इंतजार करने के लिए कहा था। अब 4 दिसंबर हो गई। मैैं अब फिर से कैट में अपील करूंगा। उसके बाद भी तमाम रास्ते खुले हैं।

News Source: jagran.com

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