नई दिल्ली। रामलीला मैदान में आम आदमी पार्टी के पांचवे स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में बेशक मुख्य वक्ता अरविंद केजरीवाल थे, लेकिन पार्टी के मुखर असंतुष्ट नेता कुमार विश्वास ने इस मंच से नेतृत्व को बगले झांकने पर मजबूर कर दिया।
कुमार ने किसी का नाम लिए बगैर नेतृत्व पर सीधा हमला बोला। स्पष्ट तौर पर उनके निशाने पर अरविंद केजरीवाल ही थे। वह ‘आप’ की सरकार को सीधे तौर पर बेईमान व भ्रष्टाचार में लपेटने से तो बचे, लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि बेईमानी की राह पर चलकर ईमानदारी की राजनीति नामुमकिन है।
चुप रहने वाले नहीं हैं विश्वास
भाषण के दौरान विश्वास ने एक तरह से मीडिया का आह्वान करते हुए कहा कि जिसे उसने अर्श पर पहुंचाया है, उसे फर्श पर लाने की जिम्मेदारी भी उसी की है। पहले यह माना जा रहा था कि सम्मेलन में वह वक्ता नहीं होंगे, लेकिन अंत समय में पार्टी ने उन्हें बोलने का निमंत्रण दे ही दिया। इस मौके को न ही विश्वास छोड़ना चाहते थे न ही कार्यकर्ता। उनके भाषण में यह साफ दिखा कि नेतृत्व की अनदेखी पर वह चुप रहने वाले नहीं हैं। वह जब बोल रहे थे उस वक्त मंच पर तो सन्नाटा पसरा था, लेकिन कार्यकर्ता उन्हें बड़े ध्यान से सुन रहे थे।
कार्यकर्ताओं में पांच साल पहले वाली ऊर्जा नहीं
कुमार ने कहा कि मैं छह माह से बोला नही हूं। पार्टी की जिस राजनीतिक मामलों की कमेटी (पीएसी) के आयोजन पर बोलने का मौका मिलता है। उसका छह माह से आयोजन नहीं हुआ है। पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई। उसमें वक्ताओं की लिस्ट में मेरा नाम नहीं था। मैं अभी वक्ताओं को सुन रहा था उसमें कहा गया कि कार्यकर्ताओं में पांच साल पहले वाली ऊर्जा नहीं है। मुझे खुशी है कि कम से कम इस मुद्दे पर बात तो हो रही है कि पांच साल वाली ऊर्जा कहां गई। हम इतिहास बदलने की प्रक्रिया में बदले हैं इसके लिए सही दिशा में काम करने की जरूरत है। यह मेरे लिए भावुक पल है।
अन्ना हजारे पर टिप्पणी करने से नहीं चूकते
स्थायी मंच की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि आंदोलन उस मंच से शुरू हुआ था जहां पर अन्ना जी सत्याग्रह कर रहे थे। उस ऊंचे मंच से नीचे इस मंच पर आ गए हैं। उन्होंने कहा कि ‘आप’ के वे लोग भी अन्ना हजारे पर टिप्पणी करने से नहीं चूकते तो अन्ना के कारण बने हैं।
मैं अभिमन्यु हूं
विश्वास ने कहा कि इस छह माह में बोलने नहीं देने पर मेरे अंदर जितनी बेचैनी है। इसे मैं समझ सकता हूं कि जिन कार्यकर्ताओं को पांच साल से नहीं सुना जा रहा है उन कार्यकर्ताओं में कितनी बेचैनी होगी। बहुत से हमारे लोग हमारी संवादहीनता, हमारे अहम, कुछ गलतफहमियों से चले गए हैं। वे भी ईमानदार लोग हैं वे भी हमारे साथ आए। कुछ षड्यंत्रकारी यह कह रहे हैं कि मैं पार्टी छोड़कर कहीं और जा सकता हूं। उन्होंने कहा कि मैं कहीं नहीं जा रहा हूं।
‘आप’ नेता ने कहा मैं अभिमन्यु हूं मैं मारा भी जाऊंगा तो उसमें भी मेरी जीत होगी। आज पार्टी में बड़ा गणपति, छोटा गणपति और उससे छोटा गणपति हो गया है। पोस्टर व बैनर पर जैसा लिखा जाता है। वह हमारी राजनीति नहीं होनी चाहिए। विश्वास ने कहा मुझ पर आज तक कोई एक पैसे का आरोप नही लगा है। मैं पार्ट टाइम नेता हूं। जीविका के लिए काम भी करता हूं। बेईमानी से स्वच्छ राजनीति नहीं हो सकती है।
Comments are closed.