नई दिल्ली। मूडीज की ओर से देश की रेटिंग बढ़ाए जाने का उद्योग जगत ने स्वागत किया है। उद्योगों का कहना है कि रेटिंग बढ़ना आर्थिक सुधार के कदमों की स्वीकार्यता पर मुहर लगाता है। इससे देश में विदेशी पूंजी का प्रवाह बढ़ेगा। विदेश से कर्ज भी सस्ती दर पर मिल सकेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में निवेश के बारे में सोच रहे निवेशकों के लिए यह रेटिंग उत्प्रेरक की तरह काम करेगी। फिक्की के प्रेसीडेंट पंकज पटेल ने कहा, ‘रेटिंग में वृद्धि और हाल में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में सुधार, इस बात का संकेत हैं कि हम सही दिशा में बढ़ रहे हैं। इससे वैश्विक निवेशकों का भरोसा और बढ़ेगा।’
एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने कहा कि भारतीय उद्योग जगत के लिए विदेशी वित्तीय संस्थानों से ज्यादा प्रतिस्पर्धी दरों पर कर्ज पाना संभव होगा। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और विदेशी संस्थागत निवेश के रूप में ज्यादा विदेशी पूंजी आएगी। सीआइआइ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने भी रेटिंग से उद्योग जगत को फायदा मिलने की बात कही है।
फायदे में रहेगा वित्तीय क्षेत्र: रेटिंग में सुधार से बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर को सबसे ज्यादा फायदा मिलने की उम्मीद जताई गई है। भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा, ‘बांड, रुपया और शेयर बाजार ने अपनी प्रतिक्रिया दे दी है। समय के साथ रेटिंग में इस सुधार से सरकार और वित्तीय संस्थानों के लिए कर्ज की लागत कम होगी और निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा।’
क्या बोले बैंकर्स: आइसीआइसीआइ बैंक की एमडी और सीईओ चंदा कोचर ने भी इसे वित्तीय संस्थानों के लिए फायदेमंद बताया। एचडीएफसी लिमिटेड के वाइस चेयरमैन और सीईओ केकी मिस्त्री ने कहा कि अब रेटिंग एजेंसियां भारत की क्षमता को पहचानने लगी हैं। नोटबंदी, जीएसटी, रेरा जैसे कदम अपना असर दिखा रहे हैं। एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारिख ने कहा कि भारत की रेटिंग में पहले ही सुधार होना चाहिए था।
हम सही रास्ते पर: सेबी
मूडीज के कदम को बाजार नियामक सेबी ने सकारात्मक मोड़ कहा है। सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने कहा कि यह इस बात की स्वीकृति है कि सरकार ने सुधार के लिए जो कदम उठाए हैं, वे सही दिशा में हैं। सरकार ने पिछले साढ़े तीन साल में आर्थिक सुधार के कई कदम उठाए हैं। रेटिंग बढ़ने से विदेशी पूंजी प्रवाह सहित निवेश में और तेजी आएगी।
NEWS SOURCE :- www.jagran.com
Comments are closed.