कुरुक्षेत्र। अंतराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव से पूर्व ब्रह्मसरोवर के तट पर शुक्रवार को क्राफ्ट व सरस मेले का भव्य शुभारंभ हुआ। मत्रोच्चारण के बीच राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने मेले का उद्घाटन किया। 17 दिन तक चलने वाले इस मेले में 21 राज्यों के शिल्पकार व कलाकार अपनी हस्तशिल्प के साथ पहुंचे हैं।
उद्घाटन के बाद राज्यपाल ने मेले का अवलोकन किया। उन्होंने शिल्पकारों के हुनर की तारीफ की। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र की पावन भूमि पर अर्जुन को गीता का उपदेश देकर धर्म की स्थापना की थी, इसलिए गीता एवं धर्म भारत वर्ष का प्राण है। कुरुक्षेत्र से एक बार फिर पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेश पूरे विश्व में पहुंचेंगे। इन संदेशों में ही पूरे विश्व का सार समाहित है।
राज्यपाल ने कहा कि इन पवित्र उपदेशों को पूरी दुनिया तक पहुंचाने के लिए वैश्विक गीता पाठ का आयोजन फिर से अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में किया जा रहा है। यह लगातार दूसरी बार गीता जयंती को अंतरराष्ट्रीय महोत्सव के रुप में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर थानेसर विधायक सुभाष सुधा, लाडवा विधायक डॉ. पवन सैनी, उपायुक्त सुमेधा कटारिया, केडीबी के मानद सचिव अशोक सुखीजा व पुलिस अधीक्षक अभिषेक गर्ग प्रमुख रूप से मौजूद थे।
50 राष्ट्रीय व स्टेट स्तर के शिल्पकारा ले रहे हिस्सा
कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की ओर से क्राफ्ट मेले में 250 तथा इतने ही सरस मेले में शिल्पकारों को आमंत्रित किया गया है। 50 राष्ट्रीय स्तर के शिल्पकार, संत कबीर आवार्ड और स्टेट आवार्डी शामिल हैं। इसके साथ ही 250 से ज्यादा शिल्पकार एवं स्वयं सहायता समूह सरस मेले में हिस्सा लेंगे। अभी कुछ शिल्पकार पहुंचने बाकी हैं जो शनिवार तक पहुंच जाएंगे।
पहली बार 2002 में शुरुआत हुई थी क्राफ्ट मेले की
गीता जयंती पर पहली बार वर्ष 2002 में क्राफ्ट मेले की शुरुआत हुई थी। इसके बाद लगातार मेले की भव्यता बढ़ती गई। इसके बाद वर्ष 2010 में पहली बार उपायुक्त सुमेधा कटारिया के प्रयास से सरस मेला का आयोजन किया गया। वह उस समय अतिरिक्त उपायुक्त थीं। सरस मेले में देशभर के स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाया गया हस्तशिल्प का स्टाल लगाया जाता है।
NEWS SOURCE :- www.jagran.com
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