नेपोलियन के शब्दों को समझा जाएं, तो तलवार शक्ति की प्रतीक है एवं कलम ,रचनात्मकता की प्रतीक है। एक ताकत है डराने की, रुलाने की, तोड़ने की व दूसरी ; रचना की ताकत है, प्रेम की, हंसाने की एवं जोड़ने की। तलवार सदैव कलम से पराजित होती रही है।
हम लोग जल्दबाजी में तलवार यानि नकारात्मक शक्ति का प्रयोग करते हैं, जिसका परिणाम विध्वंश है। जबकि कलम सकारात्मक शक्ति है। इसके द्वारा भी हम अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर सकते है। यह रचनात्मक है, सृजनात्मक है। यहां कलम सभी तरह की कलाओं, संगीत, चित्रकला व शिल्प कला का प्रतीक है। वैसे तलवार भी , 20 प्रतिशत सकारात्मक उपयोग में आती है, लेकिन इसका 80 प्रतिशत उपयोग नकारात्मक ही होता है। कलम सकारात्मक उपयोग में आती है। तुलसी ने मानस की रचना कैसे की? – अपनी पत्नी के ताने पर वह भी उसको दो, चार थप्पड़ मार कर तलवार से जवाब दे सकते थे परन्तु उन्होंने व्यग्य से प्रेरणा ली व मानस लिख कर उत्तर दिया। कलम से उत्तर देने के कारण तुलसीदास होकर विश्व में अमर हो गये। तुलसी अकबर महान के समकालीन है, लेकिन अकबर से अधिक लोकप्रिय है । यही कलम की ताकत है ।
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