हरियाणा ने पराली समस्‍या से निपटने को केंद्र को भेजा 1600 करोड़ का प्लान

चंडीगढ़ । प्रदूषण व स्मॉग की बड़ी वजह बनी पराली को जलाने से रोकने के लिए हरियाणा ने केंद्र से मदद मांगी है। कृषि विभाग ने पांच साल का मास्टर प्लान तैयार कर मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा है। प्लान में करीब 1600 करोड़ की परियोजनाओं को हरी झंडी मिली तो प्रदेश में हर साल 70 लाख टन धान की पराली और 104 लाख टन गेहूं के फाने के निस्तारण में काफी हद तक मदद मिलेगी।

हरियाणा ने तैयार किया पांच साल का मास्टर प्लान, नई परियोजनाएं शुरू होंगी

हरियाणा सरकार की योजना पराली आधारित बायोमास बिजली परियोजनाओं को बढ़ावा देने की है। फिलहाल 80 मेगावाट क्षमता के प्रोजेक्ट लगाए जा चुके हैं, जिनकी 25 मेगावाट बिजली स्टेट ग्रिड को दी जा रही है। छह जिलों करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, कैथल, जींद और फतेहाबाद में इन परियोजनाओं पर जल्द काम शुरू होगा जिसमें साढ़े पांच लाख टन पराली की खपत हो सकेगी।

दूसरे चरण में इसे 11 लाख टन तक ले जाने का लक्ष्य है। निजी हाथों को भी 500 किलोवाट से पांच मेगावाट की क्षमता वाले ऐसे प्लांट लगाने का ऑफर किया गया है। इसके अलावा जैविक खाद,  इथेनॉल, कार्ड बोर्ड और फसल अवशेष आधारित कारखाने स्थापित करने के लिए प्रस्ताव मांगे गए हैं। फसल अवशेषों को बायोचार तथा जैविक खाद के रूप में इस्तेमाल करने के लिए किसानों को ट्रेनिंग दी जाएगी।

5162 किसानों ने मांगे सब्सिडी वाले कृषि उपकरण, मिले 944 को

पराली निस्तारण उपायों पर इस साल 75 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। 11 तरह के कृषि उपकरणों के लिए 5162 किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किए जिनमें से अभी 944 को यह मशीनें मिल पाई हैं। समूह खेती के लिए पंजीकृत किसानों को 25 लाख के उपकरणों पर 40 फीसद तक छूट दी जाएगी। कृषि विभाग ने 65 जीरो टिल मशीन, 26 हैप्पी सीडर एवं दो स्ट्रा बेलर खरीदें हैं जिन्हें किसान एक हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से दस घंटे के लिए ले सकते हैं।

हरियाणा के किसानों को अनुदान दें केजरीवाल : विज

सरकारी मदद नहीं मिलने के कारण किसानों के लिए पराली जलाने की मजबूरी बताने वाले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने फिर निशाना साधा है। विज ने ट्वीट किया कि केजरीवाल को हरियाणा के किसानों को पराली नहीं जलाने के लिए अनुदान देना चाहिए। उन्होंने दोहराया कि दिल्ली में प्रदूषण सिर्फ इन्हीं दिनों में नहीं होता। दिल्ली सरकार को दूसरे राज्यों पर आरोप लगाने से पहले अपने खुद के कारणों पर भी ध्यान देना चाहिए।

कई बंदोबस्त किए, बातचीत को भी तैयार : सीएम

मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल ने कहा कि प्रदूषण रोकने के लिए हमारी सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं। 3453 कैंप लगाकर किसानों को जागरूक किया और पराली जलाने के 8400 केसों में शामिल 1138 किसानों के चालान काटे हैं। इनसे 12.54 लाख रुपये का जुर्माना वसूलते हुए 215 किसानों के खिलाफ एफआइआर की है।

उन्‍होंने कहा स्मॉग को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का पत्र मिला है। हम सभी को मिलकर समस्या का हल ढूंढना है और सभी यह प्रयास कर भी रहे हैं। केंद्र अगर राज्यों को आपस में मिल-बैठ कर बात करने का निर्देश देता है तो हम इसके लिए तैयार हैं।

News Source: jagran.com

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