हल्द्वानी : सीबीएसई ने वर्ष 2018 में होने वाली 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं फरवरी में कराने का इरादा टाल दिया है। फिलहाल पिछले सत्र के परीक्षा कार्यक्रम के तहत इस बार भी मार्च में ही परीक्षाएं कराई जाएंगी। बोर्ड के अधिकारियों का तर्क है कि जल्दबाजी में मूल्यांकन पर असर न पड़े, इसलिए यह फैसला दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार नैनीताल जिले में करीब 20 हजार बच्चे बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे।
सीबीएसई ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र लिखा था कि बोर्ड परीक्षाएं फरवरी में ही कराई जाए, जिससे जल्दी रिजल्ट आ जाए और छात्र-छात्राएं विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल हो सकें। ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा था कि इस बार बोर्ड परीक्षाएं फरवरी में कराई जा सकती हैं। सूत्रों के अनुसार कई दौर की मीटिंग के बाद बोर्ड ने अपना फैसला बदल दिया है। हालांकि परीक्षाएं जल्दी पूरी करवाने के लिए दो पालियों में परीक्षाएं कराने का फैसला अमल में लाया जा सकता है।
जिससे मूल्यांकन में न हो गड़बड़ी
जानकारों के मुताबिक बोर्ड इस बार फरवरी में परीक्षा कराने का खाका तैयार करने में जुट गया था। फिर चर्चा हुई कि पिछली बार जब मार्च में परीक्षा हुई तब उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में गड़बड़ी सामने आई थी। इसी वजह से परीक्षा फरवरी में कराने का इरादा बन रहा था। हालांकि बोर्ड के कुछ अधिकारियों का मानना था कि फरवरी में फाइनल एग्जाम के हिसाब से तैयारियां पूरी नहीं हैं। कोर्स पूरा करना है, उसके बाद प्रैक्टिकल होने हैं। ऐसे में बोर्ड के अधिकारियों ने एकमत होकर मार्च में ही परीक्षा कराने की सहमति दी।
सीबीएसई की को-ऑर्डिनेटर मंजू जोशी ने बताया कि पिछले तीन-चार साल से सीबीएसई में दसवीं का बोर्ड समाप्त कर दिया गया था। इस बार फिर से 10वीं के लिए बोर्ड अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में बोर्ड में छात्र संख्या बढ़ेगी। उसकी तैयारी के लिए भी सीबीएसई को समय चाहिए। इसकी वजह से बोर्ड परीक्षा मार्च में कराने पर सहमति बनी है।
News Source: jagran.com
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