नई दिल्ली । पांच साल से अपने को जिंदा साबित करने के लिए लड़ाई लड़ रहे संतोष मूरत सिंह को दिल्ली प्रशासन का नोटिस मिला है। वर्ष 2003 में कुछ रिश्तेदारों ने संपत्ति मामले को लेकर उन्हें मृत घोषित कर दिया, तब से वह अपने आप को जिंदा साबित करने में लगे हैं। जानिए क्या है पूरा मामला।
जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को स्थानीय प्रशासन ने शुक्रवार को यहां से हटने के लिए नोटिस जारी किया। इसमें कहा गया है कि पांच अक्टूबर को एनजीटी ने एक मामले में सुनवाई करते हुए धरना स्थल से सभी को हटने का आदेश दिया है। पांच साल से खुद को जिंदा साबित करने के लिए लड़ाई लड़ रहे संतोष मूरत सिंह को भी नोटिस मिला है।
उत्तर प्रदेश निवासी संतोष ने नोटिस को सकारात्मक रूप में लिया है। उनका कहना है कि नोटिस जिंदा लोगों के नाम जारी होता है। इस संबंध में कानूनी सलाह ले रहा हूं। आर्थिक स्थिति बहुत खराब है, इसलिए कुछ संगठनों से भी संपर्क किया है। गौरतलब है कि संतोष बनारस के गांव छितौनी के रहने वाले हैं। वह जनवरी 2012 से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे हैं।
वह मुंबई में अभिनेता नाना पाटेकर के यहां काम कर चुके हैं। वर्ष 2003 में कुछ रिश्तेदारों ने संपत्ति मामले को लेकर उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद से वह खुद को जिंदा साबित करने की जद्दोजहद कर रहे हैं।
News Source: jagran.com
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