पाहलगाम में हुए आतंकी हमले में जहां एक ओर 26 लोगों की जान गई, वहीं एक महिला — पल्लवी — को आतंकी ने जानबूझकर छोड़ दिया और ऐसा करते हुए जो शब्द कहे, उन्होंने देश की रूह कंपा दी:
“तुम्हें नहीं मारेंगे, मोदी को जाकर बताओ।”
पल्लवी की आपबीती
कर्नाटक के शिवमोग्गा से आई पल्लवी अपने पति मंजीनाथ और बेटे के साथ बाईसारन घाटी घूमने आई थीं। आतंकियों की गोलीबारी में मंजीनाथ मारे गए। सदमे और दुख में डूबी पल्लवी ने आतंकियों से कहा कि वे उसे भी मार डालें।
लेकिन एक आतंकी ने जवाब दिया:
“तुम्हें नहीं मारेंगे, मोदी को जाकर बताओ।”
यह वाक्य केवल शब्द नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संदेश था — आतंकवादियों की ओर से भारत सरकार को।
हमले की रणनीति
गवाहों के अनुसार, आतंकियों ने विशेष रूप से गैर-मुस्लिम पुरुषों को निशाना बनाया। लोगों से कलमा पढ़वाया गया और शारीरिक पहचान के आधार पर मारने का फैसला किया गया। महिलाएं और बच्चे जानबूझकर ज़िंदा छोड़े गए, ताकि वे संदेशवाहक बन सकें।
TRF की भूमिका
‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए इसे जम्मू-कश्मीर में बाहरी लोगों की बस्ती के खिलाफ प्रतिक्रिया बताया। TRF की रणनीति सिर्फ हमला करना नहीं, बल्कि डर और राजनीतिक संदेश फैलाना भी था।
प्रतिक्रिया और निंदा
देशभर में इस घटना को लेकर गुस्सा और दुख है। प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री शाह ने कहा कि आतंकियों को सजा जरूर मिलेगी। वैश्विक समुदाय ने भी इस कायरतापूर्ण कृत्य की भर्त्सना की।
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