कर्नाटक के बेलगावी जिले के बीदी गांव में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां एक बुजुर्ग दंपति ने साइबर ठगी का शिकार होने के बाद आत्महत्या कर ली। 83 वर्षीय डियागो नजारथ और उनकी 79 वर्षीय पत्नी फ्लावियाना नजारथ, महाराष्ट्र सरकार के सेवानिवृत्त कर्मचारी थे। उन्हें कुछ साइबर अपराधियों ने फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर ठग लिया।
आरोपियों ने दंपति को वीडियो कॉल कर डराया और दावा किया कि उनके नाम पर जारी सिम कार्ड का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों में हो रहा है। उन्हें बताया गया कि उन पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है, जिससे घबरा कर उन्होंने 50 लाख रुपये की मांग के आगे झुकते हुए अपनी जीवनभर की बचत, पत्नी के गहने और दोस्तों से उधार लेकर रकम एकत्रित की।
डियागो ने एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें ठगों के नाम – सुमित बिरा और अनिल यादव – का ज़िक्र किया और लिखा कि इस मानसिक प्रताड़ना ने उन्हें और उनकी पत्नी को यह आत्मघाती कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।
पुलिस की कार्रवाई
सुसाइड नोट के आधार पर बेलगावी पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने और साइबर ठगी की धाराओं में केस दर्ज किया। अहमदाबाद, गुजरात निवासी सुमित बिरा को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अनिल यादव की तलाश अभी जारी है।
पुलिस ने यह भी कहा कि इस गिरोह ने पहले भी कई लोगों को इसी तरह ठगने की कोशिश की है। जांच एजेंसियां अब आरोपी के बैंक ट्रांजैक्शन और मोबाइल डेटा की गहराई से जांच कर रही हैं।
साइबर अपराध पर चिंता
यह घटना न केवल एक गंभीर अपराध को उजागर करती है, बल्कि साइबर जागरूकता की कमी को भी सामने लाती है, विशेषकर बुजुर्ग नागरिकों में। वरिष्ठ नागरिकों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने की ज़रूरत पहले से कहीं अधिक है।
पुलिस अधिकारियों ने अपील की है कि कोई भी व्यक्ति खुद को पुलिस अधिकारी बताकर धमकाए या पैसों की मांग करे, तो तुरंत नजदीकी थाने में इसकी शिकायत करें।
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