मेहुल चोकसी की स्विट्जरलैंड भागने की कोशिश: कैसे पकड़े गए भगोड़े हीरा कारोबारी

भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी, जो भारत में 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले में मुख्य आरोपी है, ने हाल ही में स्विट्जरलैंड भागने की कोशिश की थी। हालांकि, उसकी यह योजना असफल रही और उसे डोमिनिका में गिरफ्तार कर लिया गया। यह गिरफ्तारी भारत सरकार के लिए एक बड़ा मौका थी, क्योंकि इससे चोकसी के प्रत्यर्पण की संभावना फिर से जाग उठी। आइए जानते हैं पूरी कहानी विस्तार से।

स्विट्जरलैंड भागने की योजना:

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेहुल चोकसी अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ बेल्जियम के एंटवर्प में रह रहा था। वहाँ उसने फर्जी दस्तावेजों के सहारे ‘एफ रेजीडेंसी कार्ड’ हासिल किया, जिससे उसे यूरोप में स्वतंत्र रूप से घूमने की अनुमति मिली। इसके बाद वह स्विट्जरलैंड के एक प्रसिद्ध कैंसर अस्पताल में इलाज के बहाने शरण लेने की योजना बना रहा था। उसकी योजना थी कि वह वहां राजनीतिक शरण के लिए आवेदन कर सके।

डोमिनिका में गिरफ्तारी कैसे हुई:

स्विट्जरलैंड पहुंचने से पहले ही चोकसी की योजना में बाधा आ गई। उसने नाव के जरिए डोमिनिका में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश की। डोमिनिका पुलिस ने उसे रात के समय तट के पास संदिग्ध हालत में पकड़ा। शुरुआती पूछताछ में उसने खुद को नागरिक बताया, लेकिन जांच में पता चला कि वह भारतीय मूल का भगोड़ा है और पहले से वांछित है।

भारत सरकार की प्रतिक्रिया:

भारत सरकार ने तुरंत सक्रियता दिखाई और डोमिनिका सरकार से संपर्क कर मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण की मांग की। भारत सरकार के पास पहले से ही चोकसी के खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद थे, जिनके आधार पर उसे भारत लाया जा सकता था। लेकिन इसी बीच, एंटीगुआ और बारबुडा की उच्च न्यायालय ने एक आदेश पारित किया जिसमें कहा गया कि मेहुल चोकसी को तब तक देश से बाहर नहीं ले जाया जा सकता जब तक कि उसकी नागरिकता संबंधी याचिका का निपटारा नहीं हो जाता।

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