चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा में छह हजार क्लर्कों के इंटरव्यू लिए जाने पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने यह आदेश भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता के आरोपों वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किए। इस रोक से इस भर्ती की प्रक्रिया रुक जाएगा और इसके लिए परीक्षा देने वाले बेराजगारों को झटका लगा है।
एडवोकेट रविंदर ढुल के माध्यम से इस संबंध में हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि हरियाणा में पिछले साल 13 नवंबर से 11 दिसंबर तक क्लर्कों के छह हजार से ज्यादा पदों के लिए लिखित परीक्षा हुई थी। इस भर्ती के लिए सात लाख से अधिक आवेदन आए और तीन लाख से अधिक उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी।
याचिकाकर्ता ने बताया कि इस पूरी भर्ती प्रक्रिया में हर चीज सवालोंं के घेरे में है। पहले भर्ती से जुड़ा पेपर लीक होने की बात सामने आई, जिस पर एफआइआर भी दर्ज की गई थी। इसके बाद एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने भर्ती पर रोक लगा दी। हालांकि अब यह रोक हटा ली गई है। मगर अब जो रिजल्ट डाला गया है उसको लेकर न तो कोई आपत्तियां ली गईं और न ही पूरी सही प्रक्रिया का पालन किया गया। ऐसे में इस भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए और योग्य लोगों को मौका मिले इसलिए इसकी निगरानी की जाए।
याची को प्रोविजनल तौर पर भर्ती मेंं शामिल करने के आदेश
एडवोकेट मजलिज़ खान के माध्यम से कुछ अन्य याचिकाओं में कहा गया कि याचियों ने परीक्षा का परिणाम जांचा तो पाया कि जो मेरिट सूची बनाई गई है उसके न्यूनतम अंकों से याचियों के अंक अधिक हैं। इसके बावजूद उन्हें भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया है। इस पर हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही फिलहाल याचियों को प्रोविजनल तौर पर भर्ती में शामिल करते हुए उनके लिए स्थान रिक्त रखने के आदेश दिए हैं।
News Source: jagran.com
Comments are closed.