भारत की सॉफ्ट पावर रणनीतियों का दशकवार विश्लेषण (2014-2024)

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,12 मार्च।
पिछले एक दशक (2014-2024) में भारत ने अपनी सॉफ्ट पावर रणनीतियों को एक नई दिशा दी है, जिससे वैश्विक स्तर पर उसकी पहचान और प्रभाव तेजी से बढ़ा है। सॉफ्ट पावर का अर्थ किसी देश की संस्कृति, परंपराओं, विचारधारा, कूटनीति और वैश्विक सहयोग के माध्यम से अपनी पहचान और प्रभाव स्थापित करने से है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने इस दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं, जिनमें सांस्कृतिक कूटनीति, डिजिटल डिप्लोमेसी, योग और आयुर्वेद का वैश्विक प्रसार, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और प्रवासी भारतीयों की सहभागिता शामिल हैं।

भारत की संस्कृति और परंपराओं को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दिलाना (2014) भारत की एक बड़ी कूटनीतिक सफलता थी। इसके बाद, भारत ने योग और आयुर्वेद को वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली का हिस्सा बनाने के लिए कई अभियान चलाए।

  • योग दिवस के अवसर पर हर साल विभिन्न देशों में बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें विश्वभर के नेता और नागरिक भाग लेते हैं।
  • आयुर्वेद और पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति को प्रमोट करने के लिए आयुष मंत्रालय की सक्रियता बढ़ी।

भारतीय फिल्म और संगीत उद्योग ने पिछले एक दशक में वैश्विक स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत की है।

  • बॉलीवुड के अलावा दक्षिण भारतीय फिल्में भी अब वैश्विक बॉक्स ऑफिस पर छा रही हैं।
  • भारतीय कलाकारों और संगीतकारों को ऑस्कर और ग्रैमी जैसे अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिलने लगे हैं।
  • ओटीटी प्लेटफॉर्म के माध्यम से भारतीय सामग्री अब दुनियाभर में पसंद की जा रही है।

भारत ने डिजिटल इंडिया, आधार, यूपीआई और स्टार्टअप इंडिया जैसी पहलों के माध्यम से दुनिया को दिखाया कि कैसे टेक्नोलॉजी के जरिए समावेशी विकास किया जा सकता है।

  • UPI (Unified Payments Interface) को कई देशों में अपनाया जा रहा है, जिससे भारत की तकनीकी साख मजबूत हुई है।
  • भारत ने “Vaccine Maitri” अभियान के तहत COVID-19 महामारी के दौरान 100 से अधिक देशों को टीके प्रदान किए, जिससे उसकी मानवीय कूटनीति को मजबूती मिली।

भारत ने अपने प्रवासी नागरिकों से जुड़ाव बढ़ाने के लिए प्रवासी भारतीय दिवस और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया।

  • ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड के जरिए प्रवासी भारतीयों को सुविधाएं प्रदान की गईं।
  • G20, SCO और BRICS जैसे मंचों पर भारत की भूमिका मजबूत हुई, जिससे उसकी वैश्विक स्थिति को और बल मिला।

भारत सरकार ने “इन्क्रेडिबल इंडिया 2.0” और “देखो अपना देश” जैसी योजनाओं के माध्यम से भारतीय पर्यटन को बढ़ावा दिया।

  • काशी, अयोध्या, केदारनाथ जैसे धार्मिक स्थलों का विकास हुआ, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिला।
  • G20 शिखर सम्मेलन (2023) के दौरान भारत की सांस्कृतिक धरोहर को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया।

2014 से 2024 तक भारत की सॉफ्ट पावर रणनीतियाँ सफल रही हैं और इससे भारत की वैश्विक छवि पहले से अधिक प्रभावशाली हुई है। योग, सिनेमा, डिजिटल टेक्नोलॉजी, प्रवासी कूटनीति और सांस्कृतिक विरासत के माध्यम से भारत ने अपनी पहचान को सशक्त किया है। आने वाले वर्षों में, भारत इन पहलों को और अधिक विस्तार देने की दिशा में कार्य कर सकता है, जिससे वह एक वैश्विक सांस्कृतिक और कूटनीतिक शक्ति के रूप में उभर सके।

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