विधानसभा में भिड़े चौटाला और हुड्डा, विपक्ष की फूट पर मुख्यमंत्री ने ली चुटकी

चंडीगढ़। विधानसभा में दादूपुर नलवी नहर और किसानों के मसले पर विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कई बार भिड़ते नजर आए। विपक्ष की इस फूट पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चुटकी लेते हुए कहा कि अच्छी बात यह है कि दोनों दल एक दूसरे को दोषी ठहरा रहे हैं।

विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला ने जब हुड्डा पर किसान विरोधी होने के आरोप जड़े तो हुड्डा ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि पूरा परिवार जेल में है। फिर भी चैन नहीं है। इस बार आपकी बारी है। हुड्डा की इस टिप्पणी पर चौटाला ने सरकार की तरफ अंगुली उठाते हुए कहा कि कांग्रेस के साथ आप लोगों की मिलीभगत है। वरना तीन साल पहले ही हुड्डा को जेल में होना चाहिए था।

मनोहर और हुड्डा दोनों किसान विरोधी – अभय चौटाला

विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला ने दादूपुर नलवी नहर परियोजना बंद करने को लेकर पिछली हुड्डा सरकार के साथ-साथ मौजूदा मनोहर सरकार को भी घेरा। चौटाला ने कहा कि भाजपा व कांग्रेस मिलकर राजनीति कर रहे हैैं। दोनों ही किसान विरोधी हैं।

चौटाला ने विधानसभा में कहा कि नहर को डी-नोटिफाई करने का फैसला पूरी तरह से किसान विरोधी है। इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। मौजूदा सरकार अपने तीन साल और हुड्डा सरकार 10 वर्षों के कार्यकाल का लोगों को जवाब दे। प्रदेश का 60 फीसद इलाका डार्क जोन में है। 50 फीसद इलाका ट्यूबवेल और 30 फीसद नहरी पानी पर निर्भर है।

चौटाला ने कहा कि प्रदेश को 36 मिलियन एकड़ फीट पानी की जरूरत है, जबकि पानी की उपलब्धता केवल 14 एकड़ मिलियन फीट है। जमीन डी-नोटिफाई करने के लिए कैग की रिपोर्ट को आधार बनाए जाने पर अभय ने कहा कि सरकार को जनहित में फैसला लेना चाहिए। चौटाला ने कहा कि दादूपुर ही नहीं बल्कि कौशल्या डैम और ओटू झील की मिट्टी चोरी की भी जांच कराई जाए। उन्होंने कौशल्या डैम पंचकूला पर सरकार के चहेते लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए हाइड्रो प्रोजेक्ट मंजूर करने के आरोप भी जड़े।

पैसा कमाना सरकार का काम नहीं, फिर नहर बनाएंगे : हुड्डा

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार का काम पैसा कमाने का नहीं होता। केवल इसलिए नहर परियोजना को डी-नोटिफाई करना उचित नहीं, क्योंकि किसानों को जमीन का बढ़ा मुआवजा देना पड़ेगा।

हुड्डा ने मुख्यमंत्री से जवाब मांगा कि क्या जमीन के डी-नोटिफाई होने का फैसला लागू हो गया है। अगर नहीं हुआ तो फिर सरकार ने बिना सोचे-समझे यह कदम क्यों उठाया। सीएम का धन्यवाद करने पहुंचे किसानों के मामले में हुड्डा ने कहा कि आज भाकियू के सैकड़ों किसानों ने उनसे मुलाकात की। वे डी-नोटिफाई करने के फैसले के विरोध में हैं।

हुड्डा ने कहा कि अगर सरकार कहे तो वे भी दादूपुर नलवी नहर के हक में हजारों किसानों को इकट्ठा कर देंगे। तब मुख्यमंत्री खुद ही उनसे बात कर लें। सरकार को किसान विरोधी बताते हुए हुड्डा ने कहा कि डेढ़ वर्ष बाद राज्य में कांग्रेस की किसान हितैषी सरकार बनेगी। सत्ता में आते ही कांग्रेस इस नहर का निर्माण कराएगी और किसानों को मुआवजा देगी।

News Source: jagran.com

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