वाशिंगटन ,5 मार्च। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन, मैक्सिको और कनाडा से आयातित वस्तुओं पर नए टैरिफ लगाने के फैसले के बाद, चीन ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में चीनी वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाकर 20% कर दिया है, जबकि मैक्सिको और कनाडा से आयातित वस्तुओं पर 25% टैरिफ लागू किया गया है। इन टैरिफों के जवाब में, चीन ने स्पष्ट किया है कि यदि अमेरिका टैरिफ युद्ध या किसी भी प्रकार का संघर्ष चाहता है, तो चीन अंत तक लड़ने के लिए तैयार है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “चीन को धमकी देना काम नहीं आएगा।” ट्रंप प्रशासन का दावा है कि ये टैरिफ अमेरिका में घातक फेंटेनाइल ओपिओइड और अन्य ड्रग्स के प्रवाह को रोकने के लिए लगाए गए हैं, जिसमें चीन की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। हालांकि, चीन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि अमेरिका अपनी समस्याओं के लिए चीन को दोषी ठहरा रहा है, जो उचित नहीं है।
इन टैरिफों के प्रभाव से अमेरिकी बाजारों में भी अस्थिरता देखी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस टैरिफ युद्ध से वैश्विक व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे आर्थिक मंदी की संभावना बढ़ सकती है। इस बीच, भारत पर भी टैरिफ लगाने की धमकी दी गई है, जिससे वैश्विक व्यापार संबंधों में और तनाव बढ़ सकता है। ट्रंप के इस टैरिफ दांव का उल्टा असर भी देखने को मिल रहा है, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
इन घटनाक्रमों से स्पष्ट है कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ता जा रहा है, जो वैश्विक आर्थिक स्थिरता के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।