पिछले 10 वर्षों में मुकदमों पर सरकार ने खर्च किए 400 करोड़ रुपये – रिपोर्ट

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,27 फरवरी।
केंद्र सरकार ने पिछले एक दशक में 400 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मुकदमों पर खर्च की है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, साल 2023-24 में ही 66 करोड़ रुपये खर्च हुए, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 9 करोड़ रुपये अधिक है।

मुकदमों पर बढ़ता सरकारी खर्च

लोकसभा में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2014-15 में यह खर्च 26.64 करोड़ रुपये था, जो 2015-16 में बढ़कर 37.43 करोड़ रुपये हो गया। कोरोना महामारी के दौरान दो वर्षों को छोड़कर, सरकारी मुकदमेबाजी पर होने वाला खर्च लगातार बढ़ता रहा है

2014-15 से 2023-24 के बीच कुल मिलाकर 409 करोड़ रुपये से अधिक सरकारी मुकदमों पर खर्च हुए।

सरकारी मुकदमों की संख्या कितनी?

  • कानून मंत्रालय के अनुसार, भारत सरकार लगभग 7 लाख लंबित मामलों में पक्षकार है
  • इनमें से 1.9 लाख से अधिक मामले वित्त मंत्रालय से जुड़े हैं
  • सरकार मुकदमों की संख्या कम करने और उनके शीघ्र समाधान के लिए राष्ट्रीय मुकदमा नीति (National Litigation Policy) तैयार कर रही है

राष्ट्रीय मुकदमा नीति की जरूरत

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में बताया कि सरकार एक नई मुकदमा नीति पर काम कर रही है। यह नीति मुकदमों के शीघ्र निपटारे और अनावश्यक सरकारी मुकदमों को कम करने में मदद करेगी।

इस नीति का मसौदा कई संशोधनों के बाद अंतिम रूप में केंद्रीय कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि इससे सरकारी खर्च में कटौती होगी और न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आएगी

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